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शवासन Yogasana के अभ्यास का सही तरीका और समय, जानें इसके फायदे…

शवासन Yogasana के अभ्यास का सही तरीका और समय, जानें इसके फायदे...

ब्यूरो रिपोर्टः आज हम बात करेंगे योगासन (Yogasana) के बारे में, दरअसल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योगासन लाभकारी होता है। रोगों के निवारण के लिए नियमित योगाभ्यास करना चाहिए। कई तरह के योग हैं जो अलग अलग बीमारियों में असरदार हैं। इसमें से एक हैं शवासन। शवासन योग का अभ्यास आमतौर पर योगासनों के समापन में किया जाता है। शवासन यागोसन (Yogasana) के अभ्यास से शरीर रिलैक्स और रिचार्ज होता है।

 

Yogasana के अभ्यास का सही तरीका और समय

 

तनाव को दूर करने के लिए भी शवासन का अभ्यास कर सकते हैं। बता दे कि महज पांच मिनट शवासन के अभ्यास से शरीर रिलैक्स महसूस करने लगता है। हालांकि इस योगासन (Yogasana) को सही तरीके से किया जाना जरूरी है।

 

शवासन के फायदे

 

शवासन Yogasana के अभ्यास का सही तरीका और समय, जानें इसके फायदे...

 

दरअसल इस आसन के अभ्यास से मस्तिष्क शांत और तनाव व हल्के अवसाद से राहत पाने में मदद मिलती है। शवासन योगासन पूरे शरीर को आराम देता है, बता दे कि इस आसन से सिरदर्द, थकान और अनिद्रा की शिकायत को दूर किया जा सकता है। शवासन योगासन (Yogasana) रक्तचाप कम करने में मदद करता है, याददाश्त और एकाग्रता में सुधार के लिए शवासन का अभ्यास नियमित करना चाहिए।

 

शवासन के अभ्यास का सही तरीका

 

शवासन Yogasana के अभ्यास का सही तरीका और समय, जानें इसके फायदे...

 

आपको बता दे कि शवासन योगासन (Yogasana)  का अभ्यास करने के लिए मैट पर पीठ के बल आराम से लेट जाएं।आंखें बंद करके दोनों टांगों को अलग अलग कर लें। शरीर पूरी तरह से रिलैक्स रखें। ध्यान रखें कि आपके पैरों के दोनों अंगूठे साइड की ओर झुके हों। दरअसल हाथ शरीर के साथ ही हों लेकिन थोड़ी दूरी पर रखें। हथेलियों को खुला और ऊपर की ओर रखें।धीरे-धीरे शरीर के हर हिस्से की और ध्यान दें और सांस की गति धीमी रखें।

 

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मेडिटेशन करते समय अगर आलस आए तो सांस की गति को तेज कर दें। दरअसल योगासन करते समय सोए नहीं। शरीर और सांस पर फोकस रखें। 10-12 मिनट में जब शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाए तो नई ताजगी को महसूस कर पाएंगे। और अपनी आंखे खोल कर बैठ जाए।

 

शवासन के दौरान सावधानियां

 

शवासन Yogasana के अभ्यास का सही तरीका और समय, जानें इसके फायदे...

 

बता दे कि भले ही शवासन योगासन करना आसान है लेकिन इसे खुद से शुरू नहीं करना चाहिए। हर किसी के लिए यह आसन नहीं है। अगर गर्भावस्था के आखिरी तीन महीने में हैं तो शवासन का अभ्यास न करें। दरअसल इसके अलावा कमर में चोट होने या कमर का ऑपरेशन हुआ है तो भी शवासन नहीं करना चाहिए।

 

 

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