ब्यूरो रिपोर्ट: 4 साल बीत जाने के बाद कोरोना (Corona) अब भी वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम बना हुआ है। समय-समय पर इसके मामलों में इजाफा देखा जाता रहा है। नवंबर-दिसंबर 2023 के पश्चात करोड़ो की रफ्तार नियंत्रित नजर आ रही थी।पिछले दो दिनों से संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी रिपोर्ट की जा रही है। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मई 2023 के बाद पहली बार एक दिन में संक्रमण के मामलों में उछाल दर्ज की गई है।
गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में कोरोना (Corona) के 63 नए मामले सामने आए हैं। दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार सहित अन्य उत्तरी राज्यों में भी संक्रमण के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। पिछले कुछ 15 दिनों में दिल्ली में कोविड-19 के 459 मामले दर्ज किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में भी संक्रमण में उछाल आया है, पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे।
दिल्ली में Corona की फिर दस्तक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को कोरोना (Corona) से बचाव को लेकर सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में उतार-चढ़ाव और नए वैरिएंट्स की संक्रामकता दर के कारण फिर से कोरोना के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। हाल में हुए अध्ययनों में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताते हुए कहा था। वायरस खुद को जीवित रखने के लिए लगातार म्यूटेट हो रहा है।
ऐसे में आने वाले समय में नए वैरिएंट्स आने व इसके संक्रमितों की संख्या में उछाल का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है, कि कोविड़ के नए म्यूटेंट पहले की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकते हैं, व इसके कारण संक्रमण के मामलों में वृद्धि की भी आशंका जताई जा रही है। फिलहाल पिछले एक साल में कोरोना (Corona) के मामलों में उछाल के लिए मुख्यरूप से ओमिक्रॉन के JN.1 वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जाता रहा है।
इस वैरिएंट की संक्रामकता दर अधिक देखी जाती रही है परन्तु ये गंभीर रोगों का कारण नहीं बन रहा है। हालांकि बड़ा सवाल ये है कि उत्तर भारत में अब गर्मियों की शुरुआत हो रही है, अधिक तापमान वाले माहौल में संक्रमण के उछाल का क्या कारण हो सकता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अब तक मौसम और कोरोना (Corona) के संबंधों को लेकर कई अध्ययन हुए हैं। कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि तापमान में गिरावट की स्थिति अन्य वैरिएंट्स की तरह कोविड़ में भी वृद्धि को बढ़ाने वाली हो सकती है।
पर पिछले 4 साल के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि कोरोना (Corona) का तापमान से स्पष्ट संबंध नहीं है। गर्मियों में पहले भी संक्रमण में उछाल देखा जाता रहा है। शोधकर्ताओं का कहना हैं। कि कोरोना हम सभी के बीच बना हुआ है। समय-समय पर ये कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में संक्रमण का कारण बनता रहता है और उनसे अन्य लोगों को भी संक्रमण हो सकता है।
इसलिए जरूरी है कि कोरोना (Corona) से बचाव के उपायों को लेकर हम हमेशा अलर्ट रहें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोना की टेस्टिंग रेट भी पिछले दिनों लो रही है। कम परीक्षण दर से पता चलता है कि मामलों की वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है। भारत में पिछले चार से साल में विभिन्न वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामले देखे गए हैं।