ब्यूरो रिपोर्टः 2024 लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में भाजपा ने सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, आम आदमी पार्टी ने भी अपने हिस्से की चारों सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है, लेकिन कांग्रेस (Congress) अभी तक अपने खाते की तीन सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तय नहीं कर पाई है। सबसे महत्त्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भी पार्टी अभी तक अपने खाते की 17 सीटों में से किसी एक सीट से भी उम्मीदवारों के नामों का एलान नहीं कर पाई है।
Congress नेता टिकट घोषित न होने से हुए परेशान
आपको बता दे कि ऐसे में कांग्रेस (Congress) पार्टी में टिकट दावेदारों की परेशानी बढ़ गई है। इन दावेदारों का कहना है कि पार्टी पहले ही कमजोर स्थिति में है, लेकिन देर से टिकट घोषित होने से चुनावी तैयारियों के लिए बहुत कम समय मिलेगा। इसका चुनाव परिणाम पर असर पड़ सकता है। दिल्ली में एक लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट पाने के लिए दावेदारी कर रहे एक उम्मीदवार ने अमर उजाला से कहा कि इस समय कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर बात करके जनता को अपने पक्ष में लाया जा सकता है।
इलेक्टोरल बॉन्ड, सर्वोच्च न्यायालय के कई निर्णय और भाजपा के कुछ नेताओं पर गंभीर आरोपों को जनता के बीच उठाया जा सकता है। इन्हीं मुद्दों के सहारे लोकसभा चुनाव को भी नई ऊंचाई दी जा सकती है, लेकिन टिकट न हो पाने से नेता-कार्यकर्ता सुस्त पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) पार्टी के लिए इस बार वापसी करने के लिए बेहतर अवसर हो सकता है।मुस्लिमों के बीच कांग्रेस (Congress) को लेकर समर्थन तेज हुआ है। आम आदमी पार्टी के साथ उसके गठबंधन से भी चुनावी समीकरण कांग्रेस को मदद कर सकते हैं।
लेकिन इन समीकरणों को चुनाव परिणाम में बदलने के लिए लगातार सक्रिय कार्यक्रमों की आवश्यकता है। लेकिन टिकटों पर स्थिति साफ न होने से सबका ध्यान उसी ओर अटका हुआ है। आम आदमी पार्टी के राजनीतिक उदय के पहले यानी 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दिल्ली की सात में से छह सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2009 में उसने सभी सातों सीटों पर कब्जा जमा लिया था। आम आदमी पार्टी के द्वारा उसके मतदाता वर्ग को हथियाने के बाद कांग्रेस (Congress) कमजोर हो गई।