ब्यूरो रिपोर्ट… सर्दियों में ठंड लगने से हाथों-पैरों को छूने पर वे ठंडे (Cold) महसूस होते हैं। वहीं, कुछ लोग जिन्हें बहुत अधिक ठंड लगती है उनके हाथ-पैरों में ठंडक अधिक महसूस हो सकती है। लेकिन, कुछ लोगों को हर मौसम में ठंड लगती है इसीलिए, उनके हाथ-पैर हमेशा ही बर्फ जैसे ठंडे हो सकते हैं। मोजे पहनने या मोटे कंबल ओढ़ने के बाद भी उनके शरीर का तापमान वैसे का वैसा ही रहता है। लेकिन, ऐसा क्यों होता है कि इन लोगों को अन्य लोगों की तुलना में अधिक ठंड लगती है या इनके हाथ-पैर हमेशा ठंडे (Cold) क्यों रहते हैं।
हाथ-पैर भी रहते हैं हमेशा बर्फ-से Cold
डायबिटीज की बीमारी
हाई ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों में शरीर का तापमान असंतुलित रहता है। इसकी वजह से उन्हें अधिक ठंड लग सकती है और उनके हाथ-पैर ठंडे (Cold) हो जाते हैं। दरअसल, हाई ब्लड शुगर लेवल की वजह सेडायबिटीज मरीजों के शरीर की नसें सिकुड़ने लगती हैं। इस वजह से नसों में ब्लड फ्लो धीमा पड़ने लगता है। इससे पैरों के तलवे ठंडे पड़ जाते हैं।
खराब ब्लड सर्कुलेशन
शरीर में रक्त का संचार ठीक ना होने की वजह से भी हाथों-पैरों के ठंडे (Cold) होने का डर बढ़ जाता है। ऐसे लोग जो बहुत देर तक एक ही जगह बैठकर काम करते हैं या आपकी फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम होती है तो इससे आपका ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ सकता है। इससे पैरों की तरफ ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरीके से नहीं हो पाता और आपके पैरों का तापमान गिर सकता है।
एनिमिया और खून की कमी
जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स का स्तर कम हो जाता है तो इसका एक लक्षण पैरों में दिखायी देता है। एनिमिया से पीड़ित लोगों में पैरों में ठंड अधिक लगती है
न्यूट्रिशनल डेफिशिएंसी
आयरन और विटामिन बी12 की कमी होने पर पैरों में यह लक्षणदिखायी दे सकता है। इन पोषक तत्वों की कमी से पैर अधिक ठंडे हो सकते हैं।
ठंडे पैरों की समस्या से आराम के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
हमेशा मोजे पहनें। इससे पैरों को गर्म रखने और ठंड से बचाने में मदद होती है।
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें। इससे पैरों की नसें खुलेंगी और पैरों में रक्त का संचार ठीक रहेगा।
सोते समय पैरों के नीचे एक तकियारखें। इससे पैरों में ठंड लगने, अकड़न और दर्द से आराम मिलेगा और ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक होगा।
रोजाना 2-3 लीटर पानी पिएं। हाइड्रेटेड रहने से आपके पैरों की तरफ खून और पोषक तत्वों का सर्कुलेशन बढ़ेगा।
अगर आप किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं जो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें, दवाएं समय पर लें और अपना इलाज पूरा कराएं।