ब्यूरो रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश (UP) संकट के समय अग्निशमन सेवाओं की भूमिका से सभी भलीभांति परिचित हैं। इसी को ध्यान में रखकर वर्ष 1944 में प्रदेश में विभाग का गठन किया गया। वर्ष 1944 से 2017 के बीच 73 वर्षों में केवल 288 फायर स्टेशन स्थापित किये गये जबकि पिछले 7 वर्षों में 71 नए फायर स्टेशन स्थापित किए गये। आज हम (UP) प्रदेश में तेजी के साथ तहसील स्तर पर एक-एक फायर स्टेशन स्थापित करने की दिशा में अग्रसर हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जल्द ही उत्तर प्रदेश (UP) पूरे देश में ऐसा राज्य होगा, जहां तहसील स्तर पर फायर स्टेशन होंगे। हमने कानून व्यवस्था में व्यापक रिफॉर्म के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है साथ ही उनके आधुनिकीकरण के लिए समय बद्ध तरीके से आगे कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। उसी का ये परिणाम है कि प्रदेश (UP) में अग्निशमन विभाग आज प्रदेश की इमरजेंसी सेवाओं में एक बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए अपने आप को तैयार कर रहा है।
UP जल्द ही तहसील स्तर पर फायर स्टेशन वाला पहला राज्य होगा
हमने विभाग की सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए अब तक लगभग 1400 करोड़ रुपये दिये हैं। योगी ने गुरुवार को अपने आवास पर आयोजित अग्निशमन सुरक्षा कवच के सुदृढ़ीकरण के लिए 38 अग्निशमन केंद्रों का लोकार्पण-शिलान्यास व 35 अग्निशमन वाहनों के फ्लैगऑफ कार्यक्रम ये बाते कही।
योगी ने कहा कि पिछले 7 सालों में विभाग के आधुनिकीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं समयबद्ध तरीके से साथ ही विभाग में अधिकारियों की तैनाती की गई है। इसके परिणाम सभी के सामने हैं। पहले अक्सर उद्यमी एनओसी को लेकर शिकायतें करते थे। हमने उसमें कई बदलाव कर उसे सरल किया। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश (UP) की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है।
सीएम योगी ने ये कहा कि फायर-टेंडर के रिस्पांस टाइम को कम से कम करने पर जोर होना चाहिये ताकि जन-धन की हानि को कम से कम किया जा सके। पिछले कुछ सालों में इसमें काफी सुधार भी हुआ है। यही वजह है कि 33 हजार से अधिक अग्नि दुर्घटनाओं में 3,780 जनहानि को रोका गया।
साथ ही 5 हजार से अधिक पशुओं के साथ ही 150 करोड़ रुपये की संपत्ति को खत्म होने से बचाया गया। इसके अलावा विभाग तेज लू के दौरान फसलों में आग लगने की घटनाओं पर काबू पाने के लिए सदैव खड़ा रहता है। इसे ही ध्यान में रखते हुए हमने आपात सेवाओं का उच्चीकरण करने का कार्य किया है।