सहारनपुर से गाजियाबाद तक फैली 203 किलोमीटर लंबी पूर्वी यमुना नहर (Yamuna Canal) की मरम्मत और सफाई के लिए सिंचाई विभाग ने 55 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है। यह कदम छपरौली के रालोद विधायक डॉ. अजय कुमार की मांग पर उठाया गया है। विधायक ने यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सिंचाई मंत्री के समक्ष उठाया था।
नहर की सफाई और मरम्मत की आवश्यकता
सिंचाई विभाग के अवर अभियंता वीरपाल पंवार के अनुसार, 4400 क्यूसेक क्षमता वाली इस नहर में सिल्ट जमा होने के कारण पानी का प्रवाह काफी कम हो गया है। इसके समाधान के लिए गाजियाबाद के मुख्य अभियंता ने बागपत, शामली और सहारनपुर के अधिशासी अभियंताओं से विस्तृत प्रस्ताव मंगवाए थे।
55 करोड़ की योजना तैयार
तीनों जिलों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर 55 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत:
- नहर की सफाई और मरम्मत की जाएगी।
- चौड़ाई बढ़ाने के कार्य होंगे।
- पुनर्स्थापना कार्य के बाद नहर (Yamuna Canal)को पूरी क्षमता से संचालित किया जाएगा।
शासन से बजट मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा, जिससे चार जिलों के किसानों को लाभ मिलेगा और समय पर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा।
तीन सेक्टरों में होगा कार्य विभाजन
पूर्वी यमुना नहर (Yamuna Canal) की पुनर्स्थापना के लिए इसे तीन सेक्टरों में बांटा गया है:
- सहारनपुर सेक्टर – सहारनपुर के अधिशासी अभियंता द्वारा कार्य किया जाएगा।
- शामली सेक्टर – शामली क्षेत्र की मरम्मत और सफाई होगी।
- बागपत-गाजियाबाद सेक्टर – सूप से गाजियाबाद तक बागपत के अधिशासी अभियंता कार्य कराएंगे।
इस 55 करोड़ रुपये के बजट को तीनों हिस्सों में बांटकर कार्य शुरू किया जाएगा, ताकि समय से कार्य पूरा किया जा सके और किसानों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।