ब्यूरो रिपोर्टः बसपा (BSP) की ओर से जारी की गई बुकलेट में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन टूटने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराने के आरोप के बाद वार-पलटवार का सिलसिला नहीं थम रहा है। बता सदे कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को बसपा पर ही उनका फोन नहीं उठाने का आरोप लगाकर कहा था कि किसी को नहीं पता था कि गठबंधन टूटने वाला है।
BSP का सपा पर जमकर निशाना
दरअसल इस पर शुक्रवार को बसपा (BSP) प्रमुख मायावती ने कहा कि इतने साल बाद सपा प्रमुख की ओर से दी गई सफाई कितना उचित और विश्वसनीय है ? यह सोचने वाली बात है। बीएसपी सैद्धांतिक कारणों से गठबंधन नहीं करती है और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है। दरअसल बसपा की ओर से 59 पेज की एक बुकलेट कार्यकर्ताओं को बांटी गई है।
इस बुकलेट में कहा गया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती और कई नेताओं का फोन उठाना बंद कर दिया था। हालांकि इसका जवाब शुक्रवार को जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से आया तो उन्होंने बसपा (BSP) मायावती का नाम लिये बिना उनपर ही फोन न उठाने का आरोप लगा दिया।
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शुक्रवार को बसपा (BSP) मुखिया मायावती ने एक्स पर लिखा कि लोकसभा चुनाव-2019 में यूपी में बसपा (BSP) की 10 व सपा की पांच सीटों पर जीत के बाद गठबंधन टूटने के बारे में मैंने सार्वजनिक तौर पर भी यहीं कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मेरे फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था, जिसको लेकर उनका अब इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित व विश्वसनीय है? यह सोचने वाली बात है।