ब्यरो रिपोर्ट: प्रदूषित हवा से सांस लेना हुआ मुश्किल पराली के जलने से चारों तरफ धूल और धुएं की एक चादर हवा में घुल गयी है, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सर्दी और आसपास के इलाकों में पराली जलाने की वजह से हवा बेहद प्रदूषित हो रही है. पंजाब और हरियाणा के किसान पराली जला रहे हैं, जिसका असर दिल्ली और उससे सटे यूपी के जनपदों में खासतौर से देखने को मिल रहा है. चारों तरफ धूल और धुएं की एक चादर सी छाई है, जिसकी वजह से लोगों को दम घुटना शुरू हो गया है. यही नहीं हालत ये है कि हवा में प्रदूषण की हालत को देखते हुए स्कूलों तक को बंद करना पड़ा है और कहीं ऑनलाइन क्लासेस के शुरू हो गई हैं. बुधवार को भी नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई लेवल बेहद गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है. आज सबसे ज्यादा एक्यूआई ग्रेटर नोएडा में दर्ज किया गया. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-3 में एक्यूआई 475 दर्ज किया गया तो वहीं नॉलेज पार्क-4 का एक्यूआई 472 रहा जो हवा की गुणवत्ता के हिसाब से बेहद गंभीर श्रेणी में आता है.
गाजियाबाद के लोनी इलाके में भी हवा की गुणवत्ता बेहद गंभीर श्रेणी में है, जहां एक्यूआई 440 दर्ज किया गया है और नोएडा सेक्टर 62 में एयर क्वालिटी इंडेक्स 411 तक दर्ज किया गया है. जो बेहद गंभीर श्रेणी में आता है. हवा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गाजियाबाद के डीएम ने प्री स्कूल से कक्षा 9 तक के सभी स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं. सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई होगी. वहीं नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 10 नवंबर तक स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए गए, प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, खासतौर से दमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. मौसम के जानकारों का कहना है कि जब तक हवा या बारिश नहीं होगी तब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स में कमी आना मुश्किल है. वहीं प्रशासन की ओर से जगह-जगह पानी से छिड़काव किया जा रहा है. राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराए जाने का भी प्रस्ताव दिया गया है।