ब्यूरो रिपोर्ट- 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने विपक्षी दलों में सर्जिकल स्ट्राइक की हुई हैं। 9 दिसंबर में जयंत चौधरी ने प्रदेश कार्यकारणी की लखनऊ कार्यालय पर बैठक बुलाई हैं। दूसरी तरफ उनकी इस बैठक से पहले ही पार्टी में मची भगदड़ से सियासत तेज हो गईं हैं। लेकिन इस भगदड़ का भरपूर फायदा उठाने के लिए भाजपा खेमा सक्रीय हैं। एक के बाद एक दर्जनों नेताओ को दूसरे दलों से तोड़कर भाजपा ने पार्टी में लाने का अभियान चलाया हुआ हैं।
इस सर्जिकल स्ट्राइक की जद से न तो समाजवादी पार्टी बची हैं न हीं आरएलडी और न ही बसपा। सभी दलों में तोड़फोड़ कर इन दिनों भाजपा से दूसरे दलों के नेताओ को पार्टी में शामिल करने का सिलसिला लगातार चलाया हुआ हैं। जबकि 2 दिन पहले आरएलडी से एक साथ 3 बड़े नेताओ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
आरएलडी के पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रहे सरदार मंजीत सिंह
लेकिन अब आरएलडी के पूर्व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रहे सरदार मंजीत सिंह भी भाजपा (BJP) में शामिल हो गए। जबकि इनके साथ बसपा के लखनऊ पूर्व जिला अध्यक्ष महादीन गौतम सहित कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा हैं।
बता दे की शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और भाजपा (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कई पार्टियों के नेताओं को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई हैं।
अब BJP में हुए शामिल
बता दे कि पिछले दिनों बीजेपी (BJP) ने यूपी निकाय चुनावों में बागी हुए पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में लाने की कोशिश शुरू की है. करीब 5000 ऐसे पार्टी नेताओं को चिन्हित किया गया है जो निकाय चुनाव में बागी हो गए थे और उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. इसके अलावा अन्य दलों के असंतुष्ट नेताओं को भी पार्टी में शामिल कराकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों को धार दी जा रही है.
उधर रालोद के तीन पदाधिकारियों ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. क्योकि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ और युवा दल के राष्ट्रीय सचिव ने अपना त्यागपत्र सौंप दिया था . इन इस्तीफों के बाद पार्टी में खलबली मची हुई है. अब इन इस्तीफा के दौर से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने या तो चुप्पी साध रखी है या अगर वो बोल रहे हैं तो यही कह रहे हैं कि चुनाव के पहले हर पार्टी में ऐसी स्थितियां बनती हैं.
बता दे की रालोद अध्यक्ष के लखनऊ दौरे से पहले पार्टी में भगदड़ मचना पार्टी के पदाधिकारियो की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा करटा हैं। एक तरफ तो पश्चिम यूपी में रालोद मजबूती के साथ डटकर बीजेपी (BJP) का मुकाबला कर रही हैं। लेकिन पूर्वांचल में कमजोर पड़ती पार्टी को जयंत चौधरी ठीक से संभल नहीं पा रहे हैं। शायद यही कारण भी हैं लोकसभा चुनाव से पहले लखनऊ में होने वाली इस बैठक में पार्टी के अंदर चल रहे इस घमासान को रोकने के लिए ही जयंत चौधरी बैठक करके सबकुछ ठीक करने की कोशिश में हैं।
लेकिन सवाल यही हैं की क्या लोकसभा चुनाव में इस रणनीति का क्या कुछ फायदा भी होगा। वही विपक्षियों पार्टियों में मची भगदड़ से भाजपा (BJP) जरूर उत्साहित हैं।