ब्यूरो रिपोर्ट: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छिड़े पहले चरण के सियासी संग्राम में सबसे बड़ा इम्तिहान भाजपा-रालोद(BJP-RLD) गठबंधन का होगा। नतीजे बताएंगे कि दोनों दलों के कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का अंदरुनी रुख क्या रहा। यहीं से भविष्य की तस्वीर साफ होगी। 31 मार्च यानी रविवार को मेरठ में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह भी मंच साझा करेंगे।
24 में BJP-RLD गठबंधन का इम्तिहान
सियासत के पन्ने बताते हैं कि दोनों दल पहली बार साथ नहीं आए हैं। पिछले पांच दशक में चार बार करीबियां बढ़ी। जनसंघ के दौर में वर्ष 1977 के चुनाव में भी भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने साथ-साथ प्रचार किया था। सरकारें बदली और सियासत में यह साथ आया-गया हो गया था। जनसंघ से भाजपा बन गई और दोनों दल की राह सालों तक अलग रही।
इस बार के चुनाव में होगा कड़ा इम्तिहान
प्रदेश में दोबारा वर्ष 2002 का चुनाव भाजपा और रालोद (BJP-RLD) ने मिलकर लड़ा था। रालोद के हिस्से में आई सीटों में से 14 पर जीत मिली थी। कुर्सी को लेकर भाजपा और बसपा में मतभेद में सरकार गिर गई। ऐन वक्त पर रालोद ने सपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
भाजपा और रालोद (BJP-RLD)इसके बाद वर्ष 2009 में साथ आए थे। लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा।
इसी चुनाव में मथुरा से रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह पहली बार संसद पहुंचे थे। वर्ष 2011 में रालोद एनडीए से अलग हो गया और अजित सिंह कांग्रेस सरकार में उड्डयन मंत्री बने थे।करीब 13 साल बाद अलग-अलग गठबंधन में रहने के बाद एक बार फिर रालोद लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा के साथ खड़ा है। इस बार के चुनाव में गठबंधन को पहले चरण में कड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ेगा।
अब तक गठबंधन में क्या-क्या नजर आया
भाजपा-रालोद(BJP-RLD) गठबंधन की संभावनाओं के बीच पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा हुई। राज्यसभा चुनाव में रालोद विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी के लिए मतदान किया। रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह की अमित शाह से मुलाकात और गठबंधन का विधिवत एलान। रालोद के पुरकाजी सुरक्षित सीट से विधायक अनिल कुमार को कैबिनेट मंत्री और मथुरा के योगेश नौहवार को एमएलसी बनाया गया।
अब यह लगाई जा रही हैं अटकलें
लोकसभा चुनाव के नतीजों अगर एनडीए के पक्ष में आए तो संभावना जताई जा रही है कि रालोद अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। सियासी गलियों में बार-बार इसकी चर्चा होती है। यही नहीं रालोद (BJP-RLD) को प्रदेश में एक और मंत्रालय की बात उठती है। यही नहीं राजस्थान में इकलौते विधायक को भी मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जाते हैं।
इन सीटों पर होगी अग्नि परीक्षा
भाजपा-रालोद गठबंधन की असली अग्निपरीक्षा पहले चरण में बागपत सीट से ही शुरू हो जाएगी। देखने वाली बात यह होगी कि यहां भाजपा के समर्थक मतदाता रालोद के हिस्से में कितना मतदान करते हैं। मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, कैराना, मेरठ और सहारनपुर में भी गठबंधन के नतीजों पर सबकी नजर टिकी होगी।
हमार गठबंधन मजबूत : बालियान
रालोद विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान बताते हैं कि गठबंधन बेहद मजबूत है। नतीजे भी गठबंधन के हीत में ही आएंगे।
मिलका दिखाएंगे ताकत : सुधीर सैनी
भाजपा के जिलाध्यक्ष डॉ. सुधीर सैनी कहते हैं कि हमारा गठबंधन मजबूत है। पहले चरण से ही विपक्षी दलों को इसका अहसास हो जाएगा।