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Bengal में हिंदुओं पर हिंसा का विरोध – विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का आक्रोश

Bengal Hindu Protest Against Violence

Bengal में हिंदू समाज पर अत्याचार! विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का विरोध प्रदर्शन!

दीपक राठी (संवाददाता): उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पश्चिम Bengal में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में हिंदुओं पर हिंसा और उनके घरों और दुकानों में आगजनी की घटनाओं को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल में आक्रोश फैल गया है। इन घटनाओं के खिलाफ दोनों संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में उन्होंने बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर ममता सरकार को जमकर घेरा और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।

कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के सैकड़ों कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने बंगाल में हिंदुओं पर हो रही हिंसा और अत्याचार के खिलाफ विरोध दर्ज किया। कार्यकर्ताओं ने देश के महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन अपर जिलाधिकारी न्यायिक को सौंपा, जिसमें बंगाल में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग की।

Bengal में राष्ट्रपति शासन की मांग

हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी सरकार से Bengal में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। उनका कहना था कि Bengal में हिंदू समाज की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा रही है और हिंसा की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने सरकार से यह भी अपील की कि हिंसा की घटनाओं की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

 Bengal, Demanding President’s Rule
Bengal against the increasing violence against Hindus, demanding immediate action.

वक्फ कानून और हिंदू समाज पर इसका प्रभाव

पश्चिम Bengal में वक्फ कानून को लेकर विवाद तेज हो गया है। आरोप है कि इस कानून के तहत मुस्लिम समुदाय को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, जबकि हिंदू समुदाय के खिलाफ भेदभाव हो रहा है। वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों में आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे हिंदू समाज में गहरी नाराजगी है।

हिंदू संगठनों का आगामी आंदोलन

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने यह स्पष्ट किया है कि यदि ममता बनर्जी की सरकार ने जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लागू नहीं किया और हिंदू समाज की सुरक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो वे सड़कों पर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। इन संगठनों ने यह भी कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक Bengal में हिंदू समाज की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती।

बंगाल में हिंसा पर क्या होगा अगला कदम?

पश्चिम Bengal में हो रही हिंसा और आगजनी की घटनाओं ने हिंदू समाज को आंदोलित कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब यह देखने योग्य होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है। हिंदू संगठनों के आंदोलनों से बंगाल की राजनीति में और उथल-पुथल हो सकती है।

पश्चिम Bengal में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में हिंदू समाज पर हो रही हिंसा और आगजनी की घटनाओं ने पूरे देश में चिंता का माहौल बना दिया है। विशेष रूप से विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों ने इन घटनाओं के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उत्तर प्रदेश के शामली में हुए विरोध प्रदर्शन और महामहिम राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन के ज़रिए उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर ममता बनर्जी सरकार ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो देशभर में आंदोलन की लहर उठ सकती है।

हिंदू संगठनों द्वारा की गई राष्ट्रपति शासन की मांग न सिर्फ प्रशासनिक गंभीरता की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि बंगाल में सांप्रदायिक संतुलन और सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता है। आने वाले समय में इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक तनाव और भी बढ़ सकता है, जिससे ममता सरकार पर दबाव बनना तय है।

यदि केंद्र या राज्य सरकार इस विषय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो हिंदू संगठनों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बंगाल की राजनीति में अब धार्मिक और सामाजिक मुद्दे और अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले हैं।

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