ब्यूरो रिपोर्टः लोकसभा चुनाव के बाद अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव होने है, इसी कड़ी में बसपा (BSP) प्रमुख मायावती ने प्रदेश में नए समीकरण बिठाने शुरू कर दिए हैं। खासकर पश्चिमी यूपी में उन्होंने बुधवार को एक ऐसा दांव खेला है, बता दे कि जिससे सपा के मुखिया अखिलेश यादव की नींद उड़ गई है। यह दांव सपा के पीडीए को ध्वस्त कर सकता है। जबकि पीडीए की ही वजह से सपा को लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में एतिहासिक बढ़त हासिल हुई है।
उपचुनाव से पहले BSP ने चला ये दांव
दरअसल बुधवार को पार्टी की बैठक के बाद जिलों के प्रभार में फेरबदल किया गया है। जिसमें मेजर बदलाव यह रहा है कि राज्यसभा सांसद मुनकाद अली की एक बार फिर मेरठ मंडल में वापसी हो गई है। इसके साथ ही बसपा (BSP) के जिला अध्यक्ष को हटाकर पुराने पर ही दांव लगाया गया है। इतना ही नहीं इस फार्मूले पर बसपा में जल्द ही कुछ और बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं। बीएसपी चीफ मायावती ने पूर्व राज्यसभा सांसद और बसपा (BSP) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बाबू मुनकाद अली का ओहदा बढ़ा दिया है।
उन्हें बरेली मंडल के साथ मुरादाबाद मंडल और अब मेरठ मंडल का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही वह उत्तराखंड का भी प्रभार संभालेंगे। मुनकाद अली हर महीने पांच दिन उत्तराखंड और पांच दिन यूपी के क्षेत्र को देंगे। बसपा (BSP) सुप्रीमों संगठन को मजबूत करने और नए समीकरणों को साधकर पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं। क्योंकि मुनकाद के साथ ही उन्होंने बसपा के जिला अध्यक्ष जयपाल सिंह पाल को हटाकर मोहित जाटव को मेरठ का जिला अध्यक्ष बनाया गया है।
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पिछले कुछ सालों की बात करें तो मोहित जाटव को पांचवीं बार बसपा (BSP) जिला अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली के साथ ही राजकुमार गौतम, रवि जाटव और प्रशांत गौतम को भी मेरठ मंडल का प्रभारी बनाया गया है। मेरठ मंडल की बात करें तो इस मंडल में छह जिले मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़ और बुलंदशहर आते हैं। इन सभी छह जिलों में बसपा के नए सिपाही अपनी पूरी ताकत लगाएंगे।