ब्यूरो रिपोर्टः चिन्मय दास (Chinmoy Das) को लेकर भारत के बयान पर पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक यूनुस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब भारत ने चिन्मय दास (Chinmoy Das) की पाकिस्तान में गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तान सरकार से सवाल उठाए। चिन्मय दास, एक भारतीय नागरिक, जिन्हें धार्मिक कारणों से पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था, भारत सरकार ने उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य की चिंता जताते हुए पाकिस्तान से उन्हें तुरंत रिहा करने की अपील की थी।
बाबा Chinmoy Das की गिरफ्तारी
चिन्मय दास (Chinmoy Das) की गिरफ्तारी पर यूनुस ने भारत के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे एकतरफा और अनुचित ठहराया। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। यूनुस ने यह भी कहा कि भारतीय बयान राजनीतिक रूप से प्रेरित था और बिना पूरी जानकारी के पाकिस्तान के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। उनका मानना था कि इस मामले को दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर पर सुलझाया जा सकता था और भारत को ऐसे मामलों में अपनी प्रतिक्रिया अधिक संतुलित और संवेदनशील तरीके से देनी चाहिए थी।
चिन्मय दास (Chinmoy Das) की गिरफ्तारी से जुड़ा यह मामला भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक और तनावपूर्ण मोड़ लेकर आया है। दोनों देशों के बीच पहले ही कई मुद्दों पर विवाद चल रहा है, और इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में और खटास डाल दी है। भारतीय बयान ने पाकिस्तान को असंवेदनशील और बाहरी दबाव डालने वाला महसूस कराया, जबकि भारत ने पाकिस्तान से अपने नागरिक की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
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यह विवाद इस बात को भी उजागर करता है कि भारतीय और पाकिस्तानी सरकारों के बीच छोटे से छोटे मुद्दे भी बड़े राजनयिक विवादों का कारण बन सकते हैं। दोनों देशों के लिए यह जरूरी है कि वे ऐसे संवेदनशील मामलों को सुलझाने में अधिक समझदारी और संयम दिखाएं ताकि द्विपक्षीय संबंधों में और अधिक तनाव न बढ़े।