ब्यूरो रिपोर्टः खबर यूपी के मुजफ्फरनगर से है, जहां यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान दर्ज आचार संहिता, महामारी अध्यादेश और आपदा प्रबंधन अधिनियम उल्लंघन के मुकदमे में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार (Anil Kumar) ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया । उन्हें कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में लिया गया है। उनके अधिवक्ता की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। इसको स्वीकारते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
Anil Kumar ने कोर्ट में किया सरेंडर
बता दे कि रालोद के टिकट पर अनिल कुमार (Anil Kumar) ने पुरकाजी सुरक्षित विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। छह फरवरी 2022 को खामपुर गांव में बगैर अनुमति सभा करने के आरोप में उप निरीक्षक राम समझ राणा ने छपार थाने में वर्तमान कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार के अलावा खामपुर के इमरान, गय्यूर, परवेज समेत करीब 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया, प्रकरण में दो सितंबर को इमरान और गय्यूर ने वारंट रिकॉल कर अपनी जमानत करा ली थी।
जबकि कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार (Anil Kumar) के गैर जमानती वारंट चल आ रहे थे। बीते सोमवार को कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सिविल जज सीनियर डिवीजन डॉ देवेंद्र सिंह फौजदार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आपको बता दे कि इसके बाद रालोद विधायक अनिल कुमार को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था। करीब 3 घंटे न्यायिक हिरासत में रहने के बाद उन्हें 25-25 हजार रुपये की जमानत पर रिहा कर दिया गया। कैबीनेट मंत्री को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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इससे पहले कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता किरणपाल ने बताया, चार्जशीट दाखिल होने के बाद मामले में कोर्ट ने संज्ञान लिया था। कैबीनेट मंत्री (Anil Kumar) को दो बार समन किये गए। लेकिन आपको बता दे कि रालोद विधायक अनिल कुमार कोर्ट में पेश न होने पर 12 सितंबर को गैर जमानती वारंट जारी किये गए थे।