ब्यूरो रिपोर्ट: क्या लोकसभा चुनाव से पहले I.N.D.I.A गठबंधन (india allience) की बैठक से पहले अखिलेश-नीतीश ने क्यों दिखाई आँखे ? में बगावत शुरू हो गई है, क्या I.N.D.I.A गठबंधन से अखिलेश यादव नीतीश कुमार नाराज चल रहे हैं. और सवाल यह भी की क्या 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले I.N.D.I.A गठबंधन (india allience) एकजुट हो पाएगा, यह तमाम सवाल आज इसलिए क्योंकि 6 दिसंबर को दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे के घर पर गठबंधन की बैठक बुलाई गई है. लेकिन बैठक से पहले ही चर्चा होने लगी कि इस बैठक में नीतीश कुमार वह अखिलेश यादव शामिल नहीं होंगे। akhilesh yadav
हालांकि अभी इस खबर को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया लेकिन मीडिया रिपोर्ट की माने तो नीतीश वह अखिलेश यादव कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं.बता दे कि अखिलेश यादव वह नीतीश कुमार के बयान विधानसभा चुनाव के बीच में भी चर्चाओं का विषय बन रहे. जहां मध्य प्रदेश के चुनाव में कमलनाथ ने अखिलेश पर विवादित बयान दिया था. इसके बाद अखिलेश वह कांग्रेस के बीच तनातनी उत्तर प्रदेश तक देखी गई थी। india allience
india allience इसीलिए बिगड़ा तालमेल
कमलनाथ ने अखिलेश को “अखिलेश वखिलेश” कहकर संबोधित किया तो उससे समाजवादी पार्टी के नेताओं के अंदर नाराजगी दिखाई दी थी.तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में जिसका नुकसान कांग्रेस को उठाना भी पड़ा है. सपा के नेता तो मीडिया के सामने कांग्रेस को अहंकारी घमंडी तक कह चुके हैं.कांग्रेस व सपा में हुई बयानबाजी को राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस को पुराने जमीदारों जैसा व्यवहार करने वाली पार्टी तक बताने लगे हैं।
उधर नीतीश कुमार ने भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बीच ही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव के चक्कर में I.N.D.I.A गठबंधन (india allience) को भूल गई है.अखिलेश व नीतीश कुमार के इन्हीं बयानों की वजह से चर्चा हो रही है कि दिल्ली में होने वाली गठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार व अखिलेश यादव नहीं पहुंचेंगे।
लेकिन सवाल यही है कि अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर इंडिया गठबंधन में तकरार की खबर उभर कर सामने आ जाएगी. जिसका नुकसान 2024 के लोकसभा चुनाव में जरूर देखने को मिल सकता है.तीन राज्यों में जहां बीजेपी ने सरकार बनाई है उनमें से छत्तीसगढ़ राजस्थान में कांग्रेस पहले से सत्ता में काबिज थी, लेकिन समाजवादी पार्टी व चंद्रशेखर की पार्टी की वोट परसेंटेज को अगर जोड़ा जाए तो उसका नुकसान भी कांग्रेस को इन विधानसभा चुनाव में हुआ है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले हुए सेमीफाइनल में एकजुट होकर विपक्ष चुनाव लड़ता तो लाजमी है कि भारतीय जनता पार्टी को इनमें नुकसान होना था.लेकिन विपक्ष की एकता जिस तरह से बिखरती दिखाई दे रही है उसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को होने के अनुमान आगे होने वाले चुनाव में भी देखे जा सकते हैं।
हालांकि एक खबर यह भी सामने आ रही है कि नीतीश कुमार की तबीयत खराब होने की वजह से वह इस बैठक में नहीं पहुंचेंगे, लेकिन दूसरी ओर अखिलेश यादव के सामने इस तरह की कोई स्थिति नहीं है.बता दे कि विपक्षी गुटकी पहली बैठक 23 जून को पटना में सीएम नीतीश कुमार की अगवाई में ही हुई थी वहीं दूसरी बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी, इसके बाद 31 अगस्त को ओर 1 सितंबर को तीसरी बैठक मुंबई में बैठक हुई थी।
और अब यह चौथी बैठक दिल्ली में 6 दिसंबर को बुलाई गई है.विपक्षी गठबंधन की यह बैठक इसलिए भी हम है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष का क्या रुख रहने वाला है इस बैठक में साफ हो जाएगा.लेकिन इतना जरुर है कि नीतीश कुमार व अखिलेश यादव के इस बैठक में न पहुंचने से विपक्ष की एकता पर जरूर सवाल खड़े होंगे।I.N.D.I.A गठबंधन …