ब्यूरो रिपोर्टः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाकर इंडिया गठबंधन की नीव को डगमगा दिया हैं. I.N.D.I.A. के सहयोगी अखिलेश यादव ने शुक्रवार को छतरपुर जिले में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करते हुए कांग्रेस पर यह बड़ा आरोप लगाया था. सपा अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस से चुनावी गठबंधन न होने पर नाराजगी जाहिर की. इससे पहले भी अखिलेश यादव के एक बयान के बाद गठबंधन को लेकर सवाल खड़े होने हो चुके हैं। क्योकि अखिलेश गठबंधन 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का एलान तक कर चुके हैं।
ऐसे में बार – बार इस गठबंधन पर सवाल यही खड़ा हो रहा हैं की क्या सपा गठबंधन से अलग किसी दूसरे प्लान पर काम कर ही हैं, सवाल ये भी हैं की क्या कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए सपा बयानबाजी कर रही हैं। और सवाल ये भी हैं की विधानसभा चुनाव के बाद गठबंधन पर सीटों पर घमासान अभी मचना बाकी हैं। ये सवाल इसलिए भी क्योकि जब अखिलेश यादव की मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में बात बिगड़ी तो अखिलेश ने यूपी में सीटों के बटवारे पर हिसाब करने का बयान दिया था। और अब कांग्रेस पर धोखेबाजी का आरोप लगाकर चुनावी रण में कांग्रेस के खिलाफ ही बिगुल फुक दिया हैं।
दरअसल मध्य प्रदेश के छतरपुर के चांदला में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पुष्पेंद्र अहिरवार के प्रचार के दौरान अखिलेश यादव ने कहा था, कि “अच्छा हुआ कांग्रेस ने चुनाव से पहले धोखा दे दिया, वरना बाद में तो हम कहीं के नहीं बचते. एमपी की जनता ने देखा है कि यहां अगर किसी ने अलायंस को धोखा दिया है, तो वो कांग्रेस पार्टी है.” अखिलेश ने कहा कमलनाथ की सरकार सपा के समर्थन से बनी थी. बाद में बीजेपी वालों ने करोड़ों रुपये में खरीद फरोख्त कर सरकार बदल दी और उन विधायकों को इस्तीफा दिला कर पुनः जिता लिया।
अखिलेश यादव के इन बयानबाजी से 2024 से पहले दोनों दलों के बीच गठबंधन पर बड़ा प्रभाव पड़ता नजर आ रहा हैं। सवाल तो अब ये भी उठने लगे हैं। की क्या सपा अंदरखाने कोई अलग ही खिचड़ी पकाने में लगी हैं। जिसका मकसद यूपी में खुद का सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर पेश करके केंद्र की सत्ता में सपा का दखलंअंदाजी बढ़ाना है। हालाँकि अखिलेश यादव का ये दांव कितना कामयाब होगा ये अभी भविष्य के गर्भ में हैं। लेकिन इन सब बयानबाजी से कुछ लोग जरूर कन्फ्यूज है। हालांकि इस बयानबाजी में हकीकत में कितनी कड़वाहट हैं इसका अंदाजा 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद सामने आ ही जाएगा, क्योकि कांग्रेस भी यूपी में दूसरे रास्ते से मायावती के नेताओ के साथ नजदीकियां बढ़ा रही हैं, ऐसी खबरे पार्टी के सूत्रों से लगातार मिल रही हैं।