ब्यूरो रिपोर्टः यूपी की राजनीति में हरियाणा (Haryana) विधानसभा चुनाव का परिणाम बड़ा असर डालता दिख रहा है। हरियाणा (Haryana) में इंडिया गठबंधन के सामने हार जैसी बनती दिख सकती है। तमाम एग्जिट पोलों से उलट हरियाणा में बीजेपी लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनती दिख रही है। 2014 और 2019 चुनाव परिणाम से आगे निकलते हुए भाजपा 49 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। बता दे कि अब तक आए रुझानों में इंडिया गठबंधन को 35 सीटों पर बढ़त मिलती दिख है।
Haryana के रिजल्ट से अखिलेश को मौका
बता दे कि हरियाणा (Haryana) विधानसभा चुनावी रुझानों में यूपी की राजनीति में हलचल तेज कर दी है। दरअसल उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को करारी से हार देने के बाद इंडिया गठबंधन का मनोबल काफी बढ़ा हुआ था। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस लगातार हमलावर रही है। दरअसल वहीं, कांग्रेस का मनोबल प्रदेश की लोकसभा सीटों पर जीत के बाद बढ़ गया था। पार्टी अपना विस्तार करने में जुटी हुई है।
यूपी में होने जा रहे 10 विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से अलग ही दावा किया जा रहा है। पार्टी की दावेदारी 5 सीटों पर है। आपको बता दे कि समाजवादी पार्टी खुद को यूपी से बाहर निकालने और राष्ट्रीय पार्टी बनाने की कोशिश में जुटी है। हालांकि, इस प्रयास में सपा मुखिया अखिलेश यादव को हरियाणा (Haryana) में सफलता नहीं मिली। पार्टी का प्रदेश में जनाधार के आधार पर कांग्रेस ने मांगी जा रही सीटें नहीं दी।
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अब इस प्रकार की रणनीति अखिलेश यादव कांग्रेस के लिए यूपी में बना सकते हैं। इसको लेकर पिछले दिनों संकेत मिलते दिख रहे हैं। पार्टी ने अपने स्तर पर सभी 10 विधानसभा सीटों पर तैयारियों में जुटी है। सपा ने तो करहल सीट के लिए तेज प्रताप सिंह यादव को उम्मीदवार घोषित कर बड़ा संदेश भी दे दिया है।