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सियासत का सबसे बड़ा कुनबा,Akhilesh परिवार में धीरे-धीरे पट चुकी है दरार

सियासत का सबसे बड़ा कुनबा,Akhilesh परिवार में धीरे-धीरे पट चुकी है दरार

 ब्यूरो रिपोर्ट:सैफई परिवार में आई दरार अब धीरे-धीरे पट चुकी है। मुलायम सिंह यादव के बाद फिर एक बार सियासत का सबसे बड़ा कुनबा सोमवार को मैनपुरी में एक नजर आया। मौका था करहल सीट से तेजप्रताप यादव के नामांकन का। अखिलेश (Akhilesh) यादव और डिंपल के साथ ही शिवपाल और प्रो. रामगोपाल भी नजर आए।तभी तो सोमवार को पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव के करहल सीट से नामांकन में पूरा सैफई कुनबा एक नजर आया।

सियासत का सबसे बड़ा कुनबा,Akhilesh परिवार में धीरे-धीरे पट चुकी है दरार

Akhilesh परिवार में धीरे-धीरे पट चुकी है दरार

खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश (Akhilesh) यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव, बेटी अदिति और सांसद धर्मेंद्र यादव के साथ पहुंचे। वहीं, चाचा शिवपाल सिंह यादव भी अपने बेटे सांसद आदित्य यादव के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। अभयराम यादव को छोड़कर सभी एक साथ नामांकन कराने पहुंचे।

 

सियासत का सबसे बड़ा कुनबा,Akhilesh परिवार में धीरे-धीरे पट चुकी है दरार

 

परिवार के अन्य सदस्य तो डिंपल यादव के नामांकन में एक साथ नजर आए थे, लेकिन शिवपाल ने दूरी बनाई थी। सभी ने एक आवाज में तेजप्रताप यादव और सपा की जीत का दावा किया।

सियासत का सबसे बड़ा कुनबा,Akhilesh परिवार में धीरे-धीरे पट चुकी है दरार

 

प्रोफेसर रामगोपाल ने तो यहां तक कह दिया कि करहल में चुनाव एकतरफा होगा। अखिलेश (Akhilesh) परिवार की एकजुटता का लाभ उन्हें करहल चुनाव में भी मिल सकता है। दरअसल, पहले से ही करहल विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण सपा के हक में रहे हैं। इस बीच, अब सैफई परिवार के एकजुट होने के चलते गुटबंदी पर भी लगाम लग जाएगी।

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पूर्व सांसद तेजप्रताप यादव 2014 के उप चुनाव में मैनपुरी से पहली बार सांसद चुने गए थे। तब मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी सीट से जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। दरअसल, उन्होंने आजमगढ़ से सांसद रहने का निर्णय लिया था। उप चुनाव में उन्होंने अपने पौत्र तेजप्रताप यादव को चुनाव लड़ाकर जीत दिलाई थी।वहीं, अब करहल सीट अखिलेश (Akhilesh) के इस्तीफे के बाद खाली हुई है।

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