ब्यूरो रिपोर्टः आज हम बात करेंगे गठिया (Arthritis) दर्द के बारे में, दरअसल जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज करने की गलती आगे चलकर भारी पड़ सकती है। ये अर्थराइटिस यानी गठिया का संकेत हो सकता है। ये एक लाइलाज बीमारी है लेकिन क्या इससे बचा जा सकता है? अगर हां तो कैसे? किन उपायों की मदद से इसमें मदद मिल सकती है। इन सवालों का जवाब आज हम इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करेंगे। दरअसल अर्थराइटिस, जिसे हम हिंदी में गठिया (Arthritis) भी कहते हैं, एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों को प्रभावित करती है।
Arthritis से बचाव के लिए अपनाए ये कुछ उपाय
यह कई प्रकार की होती है और इसके लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, और गतिशीलता में कमी शामिल हैं। अर्थराइटिस को पूरी तरह से कभी ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन क्या इससे बचा जा सकता है। दरअसल जानकारी के मुताबित बता दे कि, कुछ प्रकार के अर्थराइटिस को जीवनशैली में सुधार करके रोका जा सकता है या उसे टाला जा सकता है। हालांकि, कुछ अर्थराइटिस आनुवांशिक यानी जेनेटिक होते हैं।
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उनसे पूरी तरह बचना मुश्किल होता है, लेकिन उन्हें भी कुछ टालने की कोशिश की जा सकती है। इसमें भी ओस्टियोअर्थराइटिस, गठिया (Arthritis) का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसे स्वस्थ्य आदतों को अपनाकर मैनेज किया जा सकता है। बता दे कि ज्यादा वजन होने से जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है। खासकर घुटनों, हिप्स और स्पाइन पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण अर्थराइटिस के लक्षण बढ सकते है, स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के जरिए हेल्दी वजन बनाए रखने से जोड़ों पर दबाव कम होता है।