ब्यूरो रिपोर्टः शामली (Shamli) में तैनात महिला डीएसपी को प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री की मीम वाली पोस्ट अपनी फेसबुक पर शेयर करना उस समय भारी पड़ गया। जब भारतीय जनता पार्टी के नोएडा महानगर सोशल मीडिया हेड शिवांश श्री जी द्वारा एक्स पोस्ट पर आपत्ती दर्ज कराई गई। आपत्ति के बाद शामली पुलिस ने पोस्ट को डिलीट करने की जानकारी दी। फिलहाल मामला इंटरनेट मीडिया में चर्चा का विषय बना।
Shamli में डीएसपी पर कारवाई
आम लोगों को विवादित पोस्ट सोशल मीडिया में पोस्ट ना करने की अक्सर सलाह देने एवं उन पर कार्रवाई करने वाले अधिकारी ने ही देश के प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री के ऊपर टोल टैक्स को लेकर बनाए गए राघव चड्ढा के बयान के साथ मीम की एक पोस्ट अपनी फेसबुक अकाउंट पर शेयर कर डाली तो एक्स पोस्ट पर मामले की शिकायत की गई। इसके बाद शामली (Shamli) पुलिस ने एक्स पोस्ट पर डाली गई वीडियो को डिलीट करने का जवाब दिया। मामला चर्चाओं में बना हुआ है। दरअसल मामला शामली जनपद में थानाभवन क्षेत्र में तैनात क्षेत्राधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर का है चर्चित पुलिस कर्मचारी शामली (Shamli) में डीएसपी के पद पर तैनात है।
उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर कर दी। जिसमें राघव चढ़ा सरकार की टोल टैक्स प्रणाली को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह को भी एडिट कर मीम में शामिल किया गया है। विवादित पोस्ट पर शिवांश श्रीजी जिनके एक्स पोस्ट पर महानगर सोशल मीडिया हेड भारतीय जनता पार्टी लिखा हुआ है ने आपत्ति दर्ज कराई की एक जिम्मेदार अधिकारी देश के प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री पर विवादित पोस्ट शेयर कर रहा है कार्रवाई की जाए। इसके बाद कई एक्स यूज़र ने भी मामले में टिप्पणी करते हुए डीएसपी को ट्रोल किया और मामले में कार्रवाई की मांग की।
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शामली (Shamli) पुलिस ने फिलहाल एक्स पर जवाब दिया है की पोस्ट को डिलीट कर दिया गया है। अब इंटरनेट मीडिया में चर्चा में बनी हुई है कि आम लोगों पर एक पोस्ट गलत करने पर मुकदमा एवं कई कार्रवाई की जाती है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ही जब इस तरह की पोस्ट करते हैं तो आखिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं। यही नहीं क्षेत्राधिकारी अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पुलिस कर्मचारी के साथ भी रील बनाकर डालती रहती है जबकि डीजीपी ने पुलिस कर्मचारियों को रील बनाने पर कार्रवाई के दिशा निर्देश जारी किए थे। लेकिन बड़े अधिकारियों पर डीजीपी के आदेशों का कोई फर्क नहीं है।