ब्यूरो रिपोर्ट: कांग्रेस (Congress) ने इंडिया गठबंधन के तहत सपा के 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के प्रस्ताव पर सोमवार को कोई जवाब नहीं भेजा। सपा सूत्रों के मुताबिक, सीटों का बंटवारा फाइनल न होने के कारण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल न होने का फैसला किया है। उन्हें यात्रा में मंगलवार को रायबरेली में शामिल होना था। अखिलेश ने सोमवार को मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि जब तक सीटों का बंटवारा नहीं जाता है, तब तक सपा उनकी न्याय यात्रा में शामिल नहीं होगी।
Congress को सपा ने दिया 17 सीटों का प्रस्ताव
सपा ने गठबंधन के तहत अब 17 सीटों पर कांग्रेस (Congress) को अपने प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव दिया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 11 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था. जिसे लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी शुरू हो गई थी। सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस (Congress) के लिए 17 लोकसभा सीटें छोड़ने का फैसला लिया है।
सूत्रों के मुताबिक सपा ने कांग्रेस (Congress) को अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर, कैसरगंज, वाराणसी, अमरोहा, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फतेहपुर सीकरी, कानपुर, हाथरस, झांसी, महराजगंज और बागपत सीट दी है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सपा की ओर से 17 सीटों का प्रस्ताव मिला है, हालांकि पार्टी की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गई है। मालूम रहे कि इससे पहले 11 सीटों का प्रस्ताव देने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने असंतोष जताया था। जिसके बाद सपा ने नए सिरे से सीटों का चयन कर सूची कांग्रेस (Congress) नेतृत्व को भेजी है।
सपा की दूसरी सूची में 11 प्रत्याशी
सपा ने सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक, आंवला से नीरज मौर्या, शाहजहांपुर से राजेश कश्यप, हरदोई से ऊषा वर्मा, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी, मोहनलालगंज से आरके चौधरी, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, बहराइच से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा, प्रतापगढ़ से डॉ. एसपी सिंह पटेल, और चंदौली से वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार पूर्व मंत्री एवं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को ब्लॉक क्षेत्र के सकरा मजरे रतनसीर में अशोक स्तंभ का लोकार्पण किया।
इस दौरान राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के सवाल पर कहा कि आवश्यकता पड़ने पर कहीं भी वह न्याय यात्रा में शामिल हो सकते हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य सकरा मजरे रतनसीपुर गांव पहुंचे थे।
इस मौके पर राजेश मौर्या, दिनेश कुमार मौर्या, रामपाल मौर्या, अखिल भारतीय मौर्य महासभा के जिला अध्यक्ष अभिषेक मौर्या उपाध्यक्ष सुनील मौर्या, महासचिव धुन्नी मौर्या, पूर्व कोआपरेटिव अध्यक्ष शत्रोहन मौर्य आदि मौजूद रहे। सपा का राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ने के बाद पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का रुख जानने में राजनीतिक हलकों में बेचैनी है। अशोक स्तंभ के लोकार्पण को दौरान जिस तरह स्वामी प्रसाद ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने की बात कही है, उससे रायबरेली की राजनीति में हलचल है।
क्या स्वामी प्रसाद कोई बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं, इसे लेकर भी कयास लग रहे हैं। गौरतलब है कि जब कभी स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ा फैसला लिया तो उससे पहले संकेत दिए। बसपा छोड़ी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की प्रशंसा की, जबकि पहले वह प्रधानमंत्री के विरोधी थे। इसी तरह सपा में शामिल हुए तो सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर पर अपनी बेबाक राय दी थी। अब जिस तरह से भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर स्वामी प्रसाद ने बयान दिया है उसके सियासी अर्थ निकाले जा रहे हैं।