ब्यूरो रिपोर्टः काग्रेंस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Justice Yatra ) सोमवार यानी कल वाराणसा से अमेठी पहुंचेगी। माना जा रहा है कि न्याय यात्रा (Justice Yatra ) के अमेठी पहुंचने के बाद ही वहां की सियासी तस्वीर साफ होगी। बता दे कि अमेठी और रायबरेली, जिसकी नुमाइंदगी एक लंबे वक्त से गांधी परिवार ही करता रहा है, इस बार अबतक वहां पर दावेदारी साफ नहीं है। राहुल गांधी साल 2019 में अमेठी से लोकसभा चुनाव हारने के बाद से अबतक महज तीन बार ही अमेठी पहुंचे हैं।
Justice Yatra अमेठी पहुंचने के बाद साफ होगी सियासी तस्वीर
जबकि रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी अब राज्यसभा की सदस्य होंगी। राहुल यहां से चुनाव हारने के कुछ दिन बाद अमेठी पहुंचे थे। इसके बाद वह साल 2021 में एक बार महंगाई के खिलाफ हुई पद यात्रा (Justice Yatra )में हिस्सा लेने आए थे। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी वह प्रचार करने पहुंचे थे। यही राहुल गांधी का अमेठी में आखिरी दौरा था। तकरीबन पांच साल तक यूपी की प्रभारी रहीं प्रियंका गांधी भी अधिकृत तौर पर पूरे कार्यकाल में 3-4 बार ही अमेठी गई थीं।
इस वजह से यह कयास लगाए जा रहे थे कि शायद अब राहुल गांधी अमेठी से चुनाव न लड़ें। हालांकि फिलहाल स्थितियां बदलती हुई दिख रही हैं। अमेठी के तमाम कांग्रेस कार्यकर्ता इस बात के लिए आशान्वित हैं कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। वह बताते हैं कि तैयारियां चल रही हैं। सूत्र बताते हैं कि अमेठी के फुरसतगंज में जब यात्रा को रात्रि विश्राम दिया जाएगा तब अमेठी कांग्रेस के लोगों के साथ राहुल गांधी की चर्चा होगी।
वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मानें तो जिस तरह से इस न्याय यात्रा (Justice Yatra )में अमेठी और रायबरेली को मिलाकर दो दिन का समय दिया गया है, उससे साफ है कि कांग्रेस इस क्षेत्र को उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। प्रदेश में भले ही कांग्रेस की स्थिति ज्यादा बेहतर न हो, लेकिन अमेठी और रायबरेली से जीत इतनी भी मुश्किल नहीं है। बताया जा रहा है कि राहुल के अमेठी पहुंचने और स्थानीय लोगों से मुलाकात के बाद बता दे कि इस बात के संकेत स्पष्ट हो जाएंगे, कि राहुल अमेठी से दावेदारी करेंगे या नहीं।