ब्यूरो रिपोर्टः 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तारिखो की घोषणा से पहले ही सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी सक्रियता बढ़ाने में जुटे हुए है, क्योंकि 2024 का लोकसभा चुनाव हर किसी के लिए चुनौतीयों से भरा हुआ हैं. आज हम इस रिपोर्ट में देवरिया लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) पर चर्चा करेगें, आज हम आपको इस सीट पर होने वाले संभावित प्रत्याशी के नाम बताएगे, लेकिन उससे पहले आपको इस सीट का राजनीतिक समीकरण क्या कहता हैं. एक बार वो आपको बताते है ।
Lok Sabha Elections में प्रत्याशियो के नाम लिस्ट
बता दे कि देवरिया का इतिहास काफी पुराना है. आपको बता दे कि यूपी के देवरिया नाम की उत्पत्ति ‘देवारण्य’ या ‘देवपुरिया’ से हुई थी. हालांकि ‘देवरिया’ नाम इसके मुख्यालय के नाम से लिया गया है. इसका मतलब होता है एक ऐसा स्थान, जहां कई मंदिर होते हैं, देवरिया एक ऐसा जिला है जहां के लोग देश के लगभग हर इलाके में मिल जाते हैं। फिर वो चाहे सुदूर उत्तर पूर्व का इलाका हो या फिर कश्मीर का । धुर दक्षिणी प्रांत हों या गुजरात के पश्चिमी तट।
ऐसे जुझारु लोगों की धरती हमेशा से तप और साधना का केंद्र रही है। प्रसिद्ध संत देवरहा बाबा ने यहीं बरसों साधना की । देवरिया देश के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों तक को आकर्षित करता रहा है। देवरिया का क्रांतिकारी इतिहास रहा है। 14 अगस्त 1942 को यहीं पर 13 साल के एक छात्र रामचंद्र ने कलेक्ट्रेट पर बिट्रिश झंडे की जगह तिरंगा फहरा दिया था। बदले में अंग्रेजों ने गोलियां बरसाकर चार दोस्तों के साथ उन्हें शहीद कर दिया था। यहां के कई स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सरकार ने आजादी के बाद उत्तराखंड के तराई में जमीनें दी थीं।
आज भी वे परिवार वहां बसे हुए हैं।बता दे कि देवरिया लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) पर पहली बार 1952 में चुनाव (Lok Sabha Elections) हुए। यहां पर लंबे समय तक कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन 1991 के बाद उसका असर यहां से कम होने लगा और मुकाबला बीजेपी, सपा और बसपा के बीच रह गया, देवरिया जिले के पहले सांसद रहे विश्वनाथ राय, लगातार 4 बार यहां से सांसद चुने गए थे. वह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शामिल थे. 1952 से 1957 तक पहले लोकसभा में विश्वनाथ राय ने यहां का प्रतिनिधित्व किया।
विश्वनाथ राय इसके बाद 1957 से लेकर 1970 तक लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में यहां से चुने गए. यहां से राजमंगल पांडे भी 1984 और 1989 तक सांसद रहे।बता दे कि 1991 के बाद की यहां की राजनीति की बात करें तो मोहन सिंह जनता दल के टिकट पर 1991 में चुने गए. और सन 1996 में बीजेपी ने अपना खाता यहां से खोला और प्रकाश मणि त्रिपाठी चुने गए. बीजेपी यहां पर 1996 के अलावा 1999, 2009 और 2014 में विजयी रही थी. 2014 में कलराज मिश्रा ने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल कर यह सीट बीएसपी से छीनी थी।
2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बीजेपी ने उम्र की वजह से अपने दिग्गज नेता कलराज मिश्र का टिकट काट दिया था। उनकी जगह पर पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को टिकट दिया था, अब यंहा से वर्तमान में भाजपा से रमापति राम त्रिपाठी सांसद है।बता दे कि देवरिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र आती हैं. इसमें देवरिया विधानसभा, तमकुहीराज, फाजिलनगर, पथरदेवा और रामपुर कारखाना विधानसभा शामिल है, और सभी पर भाजपा का कब्जा है।
यहाँ अनुमानित जातीय समीकरण की बात करें, तो देवरिया जिला 2,535 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार देवरिया जिले की आबादी 31 लाख से ज्यादा है और यह उत्तर प्रदेश का 32वां सबसे घनी आबादी वाला जिला है. यहां पर कुल आबादी 31,00,946 है जिसमें पुरुषों की संख्या 15,37,436 है और महिलाओं की 15,63,510 लाख संख्या बताई जाती है। जाति के आधार पर देखा जाए तो यहां पर सामान्य वर्ग की आबादी 81 फीसदी है तो अनुसूचित जाति की आबादी 15 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की महज 4 फीसदी आबादी यहां रहती है।
ये तो हुई देवरिया लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) के राजनीतिक समीकरण की बात, अब एक नजर इस सीट पर 2024 में होने वाले संभावित प्रत्याशियों की करते हैं। बता दे कि देवरिया लोकसभा सीट (Lok Sabha Elections) पर बीजेपी की ओर से चार नाम सामने आए है, पहला नाम रमापति राम त्रिपाठी मौजूदा सांसद का ओर दूसरा नाम हरीश चन्द्र द्विवेदी तीसरा नाम सूर्य प्रताप शाही ओर चोथा नाम डा़ अजय मणि त्रिपाठी का निकलकर सामने आ रहा है, वही गठबंधन में ये सीट अगर काग्रेंस के पास रहती है ।
तो यहां अखिलेश प्रताप सिंह प्रमुख दावेदारो में माने जा रहे है, और अगर ये सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जाती है तो समाजावादी पार्टी से भी चार नामों की चर्चा तेज है, जिसमें पहला नाम ब्रह्म शंकर त्रिपाठी का है, ओर दूसरा नाम कनकलता सिंह तीसरा नाम डब्लू मणि त्रिपाठी और चौथा नाम राधेश्याम सिंह कुशीनगर से संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। वही बसपा की ओर से राजा राम चौहान को भी संभावित प्रत्याशी बनाने की चर्चा है।हालांकि ये सभी संभावित प्रत्याशियो के नाम है इनमे से किसको फाइनल टिकट मिलेगा, यह देखना भी दिलचप्स होगा।