Yogi Sarkar ने गेहूं खरीद प्रक्रिया से सत्यापन की बाध्यता हटाई। किसानों को मिलेगी राहत।
उत्तर प्रदेश की Yogi Sarkar ने रबी सीजन 2024-25 में गेहूं खरीद प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब किसान यदि 100 कुंतल से अधिक गेहूं भी बेचते हैं, तो उन्हें सत्यापन की अनिवार्यता से गुजरना नहीं पड़ेगा। Yogi Sarkar ने यह निर्णय किसानों को समय पर लाभ दिलाने और खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में एक संवेदनशील पहल मानी जा रही है।
गेहूं खरीद में सत्यापन की अनिवार्यता समाप्त
अब किसान अपने अनुमानित उत्पादन के तीन गुना तक गेहूं बिना किसी अतिरिक्त सत्यापन के बेच सकेंगे। इससे उन्हें भूले-भटके दस्तावेजों में हुई रिकॉर्ड की खामियों के चलते गेहूं बेचने में जो परेशानी होती थी, वह अब नहीं होगी। सरकार ने मंडियों में किसानों के विश्वास को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है।
खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्ध भुगतान
Yogi Sarkar ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, “गेहूं क्रय वर्ष 2024-25 में खरीद का कार्य सुचारू ढंग से संचालित किया जाए और किसानों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो।” उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को उनके गेहूं मूल्य का भुगतान समय से सुनिश्चित किया जाए।
बटाईदार किसानों को भी मिलेगा लाभ
इस वर्ष बटाईदार कृषकों द्वारा भी पंजीकरण कराकर गेहूं की बिक्री की जा सकेगी। इससे उन किसानों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिलेगा, जो अपनी उपज सीधे नहीं बेच पाते थे।
खरीद केंद्रों की संख्या और पंजीकरण
राज्यभर में 5790 क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीद जारी है। अब तक 38,000 से अधिक किसानों से 2.05 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की खरीद की जा चुकी है। इस वर्ष अब तक कुल 377678 किसानों ने पंजीकरण कराया है।
Yogi Sarkar का यह कदम किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। सत्यापन की अनिवार्यता समाप्त होने से किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी होगी और समय पर भुगतान मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। Yogi Sarkar का यह निर्णय किसानों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और उनकी भलाई के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।