Sambhal में वक्फ बोर्ड की खाली पड़ी जमीन पर कब्जा: उर्स से करोड़ों की कमाई पर प्रशासन ने उठाए सवाल!
महबूब अली (संवाददाता): Sambhal जिले के चंदौसी तहसील क्षेत्र में स्थित जनेटा ग्राम पंचायत में वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जा होने का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता मोहम्मद जावेद ने इस संदर्भ में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया से शिकायत की थी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की और तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह को मौके पर भेजा।
Sambhal में वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जा
Sambhal के जनेटा ग्राम पंचायत में स्थित दादा मौआजमिया शाह की मजार के पास वक्फ बोर्ड की जमीन पर शाहिद मियां ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। शिकायतकर्ता मोहम्मद जावेद का आरोप है कि शाहिद मियां इस जमीन पर झोलाछाप अस्पताल चला रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि उर्स से दो से ढाई करोड़ रुपये की कमाई होती है, जबकि शाहिद मियां शपथ पत्र में कहते हैं कि उन्हें उर्स से कोई आय नहीं होती।
प्रशासन की कार्रवाई और तहसीलदार की जांच
मोहम्मद जावेद की शिकायत पर Sambhal जिलाधिकारी ने तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह और लेखपाल को मौके पर भेजा। उन्होंने वक्फ बोर्ड के कागजात और आय-व्यय का ब्यौरा मांगा है। प्रशासन की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है।
वक्फ बोर्ड की खाली पड़ी जमीन
शिकायतकर्ता का कहना है कि 2019 से वक्फ बोर्ड की जमीन पर कोई मुतवल्ली नहीं है, और यह जमीन खाली पड़ी है। इसके बावजूद, शाहिद मियां ने इस पर अवैध कब्जा कर रखा है। मोहम्मद जावेद ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी की है।

उर्स से करोड़ों की कमाई
मोहम्मद जावेद के अनुसार, Sambhal के जनेटा में स्थित दादा मौआजमिया शाह की मजार हर साल उर्स के दौरान दो से ढाई करोड़ रुपये की कमाई करती है। इसके अलावा, साइकिल स्टैंड को भी ठेके पर दिया जाता है, जिससे और भी आय होती है। यह आरोप है कि इस आय का कोई भी हिसाब नहीं दिया जाता है। संभल के जनेटा ग्राम पंचायत में वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध कब्जा होने की घटना प्रशासन के ध्यान में आई है,
जिसके बाद Sambhal जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया की ओर से इस मामले की जांच के लिए तहसीलदार को मौके पर भेजा गया। शिकायतकर्ता मोहम्मद जावेद ने आरोप लगाया है कि शाहिद मियां द्वारा वक्फ की जमीन पर कब्जा कर झोलाछाप अस्पताल चलाया जा रहा है और उर्स से करोड़ों की कमाई हो रही है, जबकि उन्होंने इससे कोई आय न होने का दावा किया है।
Sambhal प्रशासन की कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है, और वक्फ बोर्ड की खाली पड़ी जमीन पर अवैध कब्जे की स्थिति का शीघ्र समाधान हो सकता है। यह घटना वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सुरक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता की आवश्यकता को भी उजागर करती है। अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और अवैध कब्जे को लेकर क्या ठोस कार्रवाई की जाती है।