Jalshakti Mantri स्वतंत्र देव सिंह ने नदी तालाबों के पुनर्जीवन की आवश्यकता को बताया महत्वपूर्ण
जालौन के कोंच तहसील क्षेत्र के ग्राम सतोह में Jalshakti Mantri स्वतंत्र देव सिंह ने नून नदी के पुनर्जीवन के लिए श्रमदान किया। यह आयोजन एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसमें जलशक्ति मंत्री के साथ तीनों विधायक, जिलाधिकारी (DM), पुलिस अधीक्षक (SP) और सैकड़ों ग्रामीणों ने भी इस कार्य में भाग लिया। सभी ने फावड़े से खुदाई की और नदी को पुनः जीवित करने की दिशा में कदम बढ़ाए।
Jalshakti Mantri ने नून नदी के पुनर्जीवन की दिशा में उठा कदम
नून नदी, जो कभी कोंच तहसील क्षेत्र की प्रमुख जलस्रोत हुआ करती थी, आजकल सूख चुकी है और इसके पुनर्जीवन के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। Jalshakti Mantri स्वतंत्र देव सिंह ने इस अवसर पर कहा कि नदी और तालाबों का पुनर्जीवन किसानों के लिए आवश्यक है, क्योंकि ये जलस्रोत उनकी कृषि को लाभ पहुंचाते हैं। नदी के पुनर्जीवन से जलस्तर में वृद्धि होगी और किसानों को सिंचाई के लिए पानी आसानी से मिलेगा।
ग्रामीणों और समाजसेवियों का योगदान
इस श्रमदान कार्यक्रम में सैकड़ों ग्रामीणों, समाजसेवियों और जल सहेलियों ने भी भाग लिया। इन सभी ने अपने हाथों से श्रमदान किया और नून नदी के पुनर्जीवन के लिए अपनी भूमिका निभाई। Jalshakti Mantri ने ग्रामीणों और समाजसेवियों को उनकी मेहनत और योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
जलशक्ति मंत्री का संदेश
Jalshakti Mantri स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल नून नदी के पुनर्जीवन का है, बल्कि पूरे क्षेत्र में जलस्रोतों को पुनर्जीवित करना है, ताकि जल संकट से निपटा जा सके। हम सभी का कर्तव्य है कि जलस्रोतों की सुरक्षा करें और उनका सही तरीके से उपयोग करें।” मंत्री ने यह भी कहा कि जल शक्ति विभाग किसानों की मदद करने के लिए लगातार काम कर रहा है और इस दिशा में कई योजनाएं लागू की जा रही हैं।

नदी के पुनर्जीवन की प्रक्रिया
नदी के पुनर्जीवन के लिए फिलहाल खुदाई का कार्य किया जा रहा है, ताकि पानी का प्रवाह ठीक से हो सके। इसके साथ ही, नदी के किनारे वृक्षारोपण और तालाबों का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा। Jalshakti Mantri ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम पूरे प्रदेश में किए जाएंगे, जिससे न केवल जल संकट से निपटा जा सके, बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी संभव हो।
जल सहेलियों की अहम भूमिका
जल सहेलियों ने भी नून नदी के पुनर्जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन जल सहेलियों ने ग्रामीणों को नदी के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें श्रमदान में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। जल सहेलियों के प्रयासों से इस अभियान को जन आन्दोलन का रूप दिया गया है, जो आने वाले समय में और अधिक प्रभावी साबित होगा।
नून नदी का पुनर्जीवन सिर्फ एक नदी की बहाली नहीं है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के पर्यावरण, कृषि और जल संकट को हल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का यह प्रयास प्रशंसा योग्य है, और इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल नून नदी बल्कि अन्य जलस्रोतों को भी जीवनदान मिल सकता है।