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Bijnor में भाकियू का अराजनैतिक धरना: गौशालाओं में चारे और पानी की किल्लत

Bijnor Bhakiyu workers with a focus

बिजनौर में भाकियू का धरना, गौशालाओं में चारे और पानी की किल्लत से पशुओं की मौत। जानें पूरी खबर।

महेंद्र ढाका (संवाददाता): Bijnor के चांदपुर स्थित फिना अस्थाई गौ शाला में पशुओं के लिए चारे और पानी की गंभीर किल्लत उत्पन्न हो गई है। इस कारण पशुओं की मौतों का सिलसिला शुरू हो चुका है, जिससे भाकियू (भारतीय किसान यूनियन) के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं और पशु चिकित्सक अधिकारी के कमरे के बाहर अराजनैतिक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

Bijnor गौशालाओं में चारे और पानी की कमी – पशुओं की मौत का मुख्य कारण

Bijnor गौशालाओं में चारे और पानी की कमी के कारण स्थितियां बेहद खराब हो गई हैं। पशु अधिकारियों के अनुसार, पशुओं की बिगड़ती हालत और कई मौतों के कारण यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासन की मिलीभगत से गौ संरक्षण के लिए आए हुए रुपयों का बंदरबांट हो रहा है। इससे गौशालाओं में आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।

दिगंबर का आरोप – गौ संरक्षण में भ्रष्टाचार और प्रशासन की लापरवाही

भाकियू के नेता दिगंबर ने Bijnor प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि गौशालाओं में होने वाले गौ संरक्षण कार्यक्रमों में पारदर्शिता की कमी है।Bijnor प्रशासन द्वारा धन का सही उपयोग नहीं किया जा रहा, जिससे गौशालाओं में पशुओं की मौतें बढ़ रही हैं।

Bijnor Bhakiyu Protest - Animal Welfare Crisis
Bhakiyu workers protesting over the shortage of feed and water for cattle in Bijnor

भाकियू का धरना – चारा, पानी और उचित देखभाल की मांग

भाकियू कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं और मांग कर रहे हैं कि प्रशासन गौशालाओं में चारे और पानी की आपूर्ति तुरंत सुनिश्चित करे। उनका कहना है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

Bijnor के चांदपुर के फिना गौ शाला की स्थिति – पशुओं की बिगड़ती हालत

फिना अस्थाई गौ शाला की स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां के पशुओं को न तो पर्याप्त चारा मिल रहा है और न ही पानी। कई पशु बीमार हो चुके हैं और सही इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो रही है। भाकियू के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन को इस स्थिति को तत्काल सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए।

प्रशासन की लापरवाही – गौशालाओं में आवश्यक सुविधाओं की कमी

Bijnor प्रशासन की लापरवाही और गौ संरक्षण के नाम पर हो रही भ्रष्टाचार के कारण गौशालाओं में आवश्यक सुविधाओं की भारी कमी है। चारा, पानी और पशुओं के इलाज की व्यवस्था न होने से स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। भाकियू ने प्रशासन से त्वरित सुधार की मांग की है।

क्या प्रशासन ध्यान देगा? – प्रदर्शनकारियों की उम्मीद

भाकियू के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि Bijnor प्रशासन ने इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया, तो वे और अधिक बड़े प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि अब समय आ गया है जब सरकार और प्रशासन को गौ संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।बिजनौर के चांदपुर स्थित फिना अस्थाई गौ शाला में चारे और पानी की किल्लत के कारण उत्पन्न हो रही पशुओं की मौतों ने एक गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है।

भाकियू (भारतीय किसान यूनियन) ने इस स्थिति पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिसमें वे प्रशासन पर गौ संरक्षण निधियों के सही उपयोग में लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन की मिलीभगत और व्यवस्थाओं की कमी के कारण गौशालाओं में स्थितियां बिगड़ी हैं।

भाकियू ने प्रशासन से मांग की है कि गौशालाओं में चारा और पानी की आपूर्ति तुरंत सुनिश्चित की जाए और पशुओं की देखभाल के लिए उचित कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही, दिगंबर जैसे कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है, जो Bijnor प्रशासन की नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। यदि प्रशासन ने शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो भाकियू का आंदोलन और तेज हो सकता है।

इस समय यह मामला केवल एक पशु संकट नहीं, बल्कि किसानों और गौ संरक्षण से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। सरकार और प्रशासन को इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार के संकट से बचा जा सके और पशुओं के लिए बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जा सके।

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