भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) होली के दिन एक सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए। जब वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ कार से सफर कर रहे थे, तभी रास्ते में अचानक एक नीलगाय उनकी कार के सामने आ गई। नीलगाय से बचने के प्रयास में उनकी कार अनियंत्रित हो गई और सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में उनकी कार का आगे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन सौभाग्य से कार के एयरबैग खुलने से उनकी जान बच गई। कार में सवार अन्य कार्यकर्ता भी सुरक्षित हैं।
मुजफ्फरनगर-शामली मार्ग पर हुआ हादसा
यह दुर्घटना मुजफ्फरनगर-शामली मार्ग पर पीनना बाईपास के पास हुई। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) 14 मार्च को होली के अवसर पर अपने पैतृक गांव सिसौली गए थे, जहां उन्होंने अपने परिवार और परिचितों के साथ होली खेली और सभी को पर्व की शुभकामनाएं दीं। होली का उत्सव मनाने के बाद जब वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ वापस मुजफ्फरनगर लौट रहे थे, तभी यह हादसा हुआ।
नीलगाय के टकराने से हुआ हादसा
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और उनके समर्थकों की कार जैसे ही पीनना बाईपास पहुंची, अचानक एक नीलगाय सामने आ गई। ड्राइवर ने गाड़ी को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन अचानक आई नीलगाय से टक्कर हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार के आगे का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, कार में मौजूद आठ एयरबैग समय पर खुल गए, जिससे सभी लोग सुरक्षित बच गए। इस टक्कर में नीलगाय की मौके पर ही मौत हो गई।

समर्थक पहुंचे घटनास्थल पर
दुर्घटना की खबर फैलते ही टिकैत के समर्थक बड़ी संख्या में घटनास्थल पर पहुंच गए। वहां मौजूद लोगों ने राहत पहुंचाने में सहायता की। इस हादसे के बाद राकेश टिकैत(Rakesh Tikait) ने सड़कों पर जंगली जानवरों की बढ़ती संख्या और उनके कारण हो रहे सड़क हादसों को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने प्रशासन से इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
एयरबैग ने बचाई जान
कार में लगे आठ एयरबैग दुर्घटना के समय खुल गए, जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया। यदि कार में एयरबैग नहीं होते तो यह हादसा गंभीर हो सकता था। यह घटना दर्शाती है कि आधुनिक वाहनों में सुरक्षा उपायों का होना कितना आवश्यक है।
सड़क सुरक्षा और जंगली जानवरों का मुद्दा
इस घटना ने एक बार फिर जंगली जानवरों की वजह से होने वाले सड़क हादसों पर ध्यान आकर्षित किया है। देश के कई हिस्सों में नीलगाय और अन्य जंगली जानवरों के सड़क पर आने से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ विषय है।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने प्रशासन और सरकार से आग्रह किया कि इस समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाए जाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कों के किनारे बाड़ लगाई जाए और विशेष चेतावनी संकेत लगाए जाएं ताकि वाहन चालकों को पहले से सतर्क किया जा सके।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के सड़क हादसे में बाल-बाल बचने की घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और जंगली जानवरों के मुद्दे को उजागर किया है। सौभाग्य से, इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यह भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए जरूरी कदम उठाने की चेतावनी जरूर देती है। प्रशासन को इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके।