ब्यूरो रिपोर्टः कहते वक्त किसी का मोहताज नहीं होता, कल तक जो राहुल गांधी मायावती(Mayawati ) को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे. आज ऐसा क्या हुआ कि मायावती को इंडिया गठबंधन में शामिल करने को लेकर कोई बयान राहुल का सामने नहीं आया. जी हां बात साल 2022 के विधानसभा चुनाव कि हैं जब राहुल गांधी ने खुद मायावती को मुख्यमंत्री बनने का खुला ऑफर दिया था. लेकिन मायावती (Mayawati )ने राहुल के इस ऑफर को ठुकरा दिया था. जिसका खुलासा खुद राहुल गांधी ने ही किया था।
Mayawati इंडिया गठबंधन में होगी शामिल ?
ये बात आज इसीलिए उठी हैं क्योंकि उस वक्त कांग्रेस को यूपी में मजबूत साथी की जरूरत थी, लेकिन आज शायद मायावती को केंद्र की सत्ता में कांग्रेस की जरुरत हैं. लेकिन वक्त का तगाजा देखिए सहाब कि राहुल गांधी अब मायावती (Mayawati )को लेकर कोई बयान नहीं दे रहें हैं. क्योंकि उस वक्त राहुल गांधी को मालूम था कि दलित वोटबैक यूपी में अगर उनको मिलेगा तो उनकी बात बन जाएगी. लेकिन अब आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्ही राहुल गांधी ओर कांग्रेस ने मायावती को अलग-थलग कर दिया।
क्योंकि अब कांग्रेस के पास प्रधानमंत्री बनाने के लिए मलिकार्जुन जैसा बड़ा दलित चेहरा हैं. इसीलिए ये सवाल उठना स्वभाविक हैं कि राहुल गांधी अब क्यों मायावती को लेकर चुप हैं. जब भी मायावती (Mayawati )के गठबंधन में शामिल होने का जवाब पूछा जाता हैं. तो सिर्फ ये कहकर बात को टाल दी जाती हैं. कि मायावती खुद इस पर फैसला लेंगी. जब मायावती ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ आने से इंकार किया था. तो कांग्रेस ने आरोप लगाया था. कि मायावती पर ईडी -सीबीआई जैसी जांच एजेंसियो का दबाव हैं।
हालांकि मायावती (Mayawati )ने कांग्रेस को जवाब दिया था कि कांग्रेस ने उनकी पार्टी को कमजोर करने के लिए इस तरह का बयान दिया हैं. लेकिन अब मलिकार्जुन खरगे को पीएम फेस के लिए जब इंडिया गठबंधन कि चौथी बैठक में सामने किया तो मानो मायावती के नाम पर गठबंधन में शामिल होने कि चर्चा पर विराम लग गया. इसे ही कहते हैं सही वक्त पर लिए गए फैसले लंबे समय तक आरामदायक होते हैं. चुनाव से पहले आए c वोटर्स के सर्वें में भी मायावती को सबसे ज्यादा नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा हैं।
मायावती खेमे में लगातार ये चर्चा हो रही हैं कि मायावती को इंडिया गठबंधन में शामिल होना चाहिए.बसपा समर्थक तो मायावती को सालो से पीएम चेहरा बनाने का सपना देख रहें हैं. लेकिन वक्त ने ऐसे करवट ली हैं कि मायावती को अब इंडिया गठबंधन में भी शामिल करने को लेकर अलग -अलग राय बन रही हैं.अखिलेश यादव ने गठबंधन कि बैठक में ही कांग्रेस से पूछ लिया था कि क्या आपकी बसपा से कोई बात चल रही हैं. अगर ऐसा होगा तो वो गठबंधन में रहने को लेकर विचार करेंगे।
हालांकि अब चर्चा हैं शरद पंवार अब मायावती को गठबंधन में लाने को लेकर प्रयास कर सकते हैं. शरद पंवार अखिलेश -मायावती के बीच कि दूरी को ख़त्म करने के लिए धुरी बन सकते हैं. लेकिन देखना यही होगा कि क्या मायावती इस इंडिया गठबंधन में हिस्सा बनेगी या नहीं. लेकिन फिर कहुगा वक्त कभी किसी का इंतजार नहीं करता।