ब्यूरो रिपोर्ट : उत्तर प्रदेश के सीतापुर (Sitapur) में पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई की जघन्य हत्या के मामले में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। इस हत्याकांड को लेकर पुलिस जल्द ही एक बड़ा खुलासा कर सकती है। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने मंगलवार को बताया कि इस मामले में कोई बड़ा खुलासा किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने अब तक इस मामले की गहन जांच की है और 50 घंटे से अधिक समय तक विभिन्न पहलुओं पर तफ्तीश की गई है। मृतक पत्रकार के मोबाइल से कई महत्वपूर्ण जानकारी और कॉल रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई हैं, जिनके आधार पर मामले की दिशा में नया मोड़ आ सकता है।
Sitapur हत्या के बाद से जांच तेज
8 मार्च 2025 को सीतापुर (Sitapur) में पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह घटना लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर थाना इमलिया सुल्तानपुर इलाके के हेमपुर रेलवे ओवरब्रिज के पास हुई थी। मृतक राघवेन्द्र बाजपेई को उनके घर महोली से सीतापुर जाने के दौरान कुछ असलहाधारी हमलावरों ने पीछा किया और उन्हें गोली मार दी। हमलावरों ने राघवेन्द्र बाजपेई को 315 बोर की चार गोलियां मारी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या को अंजाम देने के बाद हमलावर घटनास्थल से फरार हो गए थे।
इस घटना के बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की और सीसीटीवी फुटेज तथा मोबाइल फोन लोकेशन की जांच की। इसमें उरदौली से बाइक सवार दो संदिग्धों को देखा गया, जो राघवेन्द्र बाजपेई का पीछा करते हुए दिखे। पुलिस को शक है कि इन संदिग्धों ने हत्या को अंजाम दिया। इसके अलावा, एक थार गाड़ी भी सीतापुर (Sitapur) की दिशा में जाती हुई पाई गई, जिससे यह अंदेशा जताया जा रहा है कि हत्या में शूटरों का इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस को मिली मोबाइल रिकॉर्डिंग से नई दिशा
पुलिस को पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई के मोबाइल से कई कॉल रिकॉर्डिंग मिली हैं, जिनसे हत्या के संभावित कारणों को लेकर नए सुराग मिल सकते हैं। इन रिकॉर्डिंग्स के माध्यम से पुलिस ने कई एंगल पर जांच की, जिसमें धान खरीद घोटाला, जमीन खरीद घोटाला और एक महिला का एंगल भी सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की जांच के दौरान एसटीएफ ने भी अपनी टीम को तैनात किया और टेलीफोन टावर के डम्प नेटवर्क को अपने कब्जे में लिया। हालांकि, पुलिस को अभी तक जियो नेटवर्क का डाटा नहीं मिल पाया है, लेकिन इसके बाद भी कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। (Sitapur)
सियासी हलचल और समाज का विरोध
राघवेन्द्र बाजपेई की हत्या के बाद से सियासत भी गर्मा गई है। विपक्षी नेताओं ने इस मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा है और सरकार से कार्रवाई की मांग की है। दूसरी तरफ, व्यापारी, वकील, सामाजिक संगठन और पत्रकार संगठनों ने इस हत्या के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि हत्या के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कड़ी सजा दी जाए।
जांच में हुई गिरफ्तारी और पूछताछ
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की है। पुलिस ने चार लेखपालों, पूर्व सैनिक समेत 20 के करीब लोगों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा, पड़ोसी जनपद लखीमपुर खीरी की एक महिला को भी थाने बुलाया गया है और उसके करीबियों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई के खिलाफ भ्रष्टाचार की खबरों को प्रकाशित करने पर उन्हें धमकियां दी जा रही थीं, जो इस हत्याकांड का एक बड़ा कारण हो सकता है। (Sitapur)
हत्या के बाद सामने आए घोटाले
राघवेन्द्र बाजपेई की हत्या ने सीतापुर के स्थानीय धान खरीद घोटाले और जमीन खरीद घोटाले को भी उजागर किया है। पुलिस की जांच में इन घोटालों की जानकारी सामने आई है, जिनके कारण कई स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच की जा रही है। यह मामला सीतापुर में लेखपालों के बीच आपसी गुटबाजी का भी हिस्सा बन चुका है, और अब यह राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर बड़ी जांच का मुद्दा बन गया है। (Sitapur)
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राघवेन्द्र बाजपेई की हत्या ने एक गंभीर रूप से जांच की आवश्यकता को जन्म दिया है और अब पुलिस के पास कई सुराग हैं, जो इस मामले के जल्द खुलासे की संभावना को प्रबल बनाते हैं। पुलिस की जांच और एसटीएफ की टीम इस मामले को सुलझाने के लिए लगातार काम कर रही है और जल्द ही एक बड़ा खुलासा हो सकता है। हालांकि, यह मामला राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो गया है, और इससे जुड़े कई बड़े मुद्दों का सामने आना तय है। (Sitapur)