कन्नौज (पंकज): उत्तर प्रदेश के कन्नौज (Kannauj) के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ नेताओं पर तीखा प्रहार किया है। उनका यह बयान खासकर CO अनुज चौधरी के एक हालिया बयान पर आधारित था, जिसमें उन्होंने होली के दौरान ‘सावधानी’ बरतने की सलाह दी थी। सुब्रत पाठक ने इस बयान का समर्थन करते हुए इसे एक व्यावहारिक और सामयिक कदम बताया। साथ ही, समाजवादी पार्टी को भी घेरते हुए उन्होंने कई सवाल उठाए।
Kannauj से सुब्रत पाठक का बयान
सुब्रत पाठक ने कहा, “पूर्व सांसद जुमा तो साल में 52 बार आता है और होली केवल एक बार। जिसे होली खेलने से परहेज हो, वह घर से न निकले।” उनके इस बयान में एक स्पष्ट संदेश था कि होली का त्यौहार विशेष होता है और इस दौरान कुछ विशेष सावधानियाँ बरती जानी चाहिए। पाठक का यह बयान उस समय आया जब CO अनुज चौधरी ने होली के मौके पर नागरिकों से संयम बरतने की अपील की थी।(Kannauj)
सुब्रत पाठक ने आगे कहा, “मैं अनुज चौधरी के इस बयान से पूरी तरह सहमत हूँ। यह सच है कि अगर हमें शांति बनाए रखनी है तो हमें त्यौहार के दौरान संवेदनशीलता से काम लेना होगा। खासकर एक ऐसे समाज में जहां कभी-कभी हिंसा या तनाव पैदा हो जाता है, वहां यह सलाह बहुत जरूरी है।”
इसके बाद सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर हमला करते हुए सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “क्या अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव ने अनुज चौधरी की जाति, जो जाट है और पिछड़े वर्ग से आती है, को अपने तथाकथित PDA से बाहर कर दिया है?” यह सवाल समाजवादी पार्टी की ओर इशारा करता है कि क्या वह केवल कुछ वर्गों के लाभ के लिए ही काम करती है, और बाकी वर्गों को नकार देती है।(Kannauj)
समाजवादी पार्टी पर हमला
सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी पर यह आरोप भी लगाया कि वह अपनी राजनीति के तहत सिर्फ कुछ विशेष वर्गों का ही समर्थन करती है। उन्होंने महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी द्वारा औरंगजेव को महिमामंडित करने के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रकार के बयानों को समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया है। पाठक के अनुसार, समाजवादी पार्टी को इस तरह के बयानों पर विचार करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि उनके कार्यों से समाज में ध्रुवीकरण हो सकता है।
“अगर समाजवादी पार्टी ऐसे नेताओं के बयानों का समर्थन करती है, तो यह उनके आदर्शों और सिद्धांतों पर सवाल उठाता है,” पाठक ने कहा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर समाजवादी पार्टी खुद को एक प्रगतिशील पार्टी कहती है, तो उसे इस तरह के बयानों का समर्थन नहीं करना चाहिए।(Kannauj)
समाजवादी पार्टी की प्रतिक्रिया
पाठक के बयान के बाद समाजवादी पार्टी ने एक तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि अगर सरकार में उनकी सत्ता आती है तो अनुज चौधरी जैसे अधिकारियों को जेल भेजने की धमकी दी। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “अगर समाजवादी पार्टी सत्ता में आई, तो हम सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, जो समाज में नफरत और विभाजन फैलाने का काम करते हैं।”
हालांकि, सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी की इस धमकी को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल एक राजनैतिक रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी हमेशा इसी तरह की राजनीति करती आई है, लेकिन जब सत्ता की बात आती है तो यह पार्टी कई बार अपने बयान बदल देती है।”(Kannauj)
सुब्रत पाठक का यह बयान समाजवादी पार्टी और उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ नेताओं पर कड़ा प्रहार साबित हुआ है। उनके आरोप और सवाल इस बात का संकेत देते हैं कि राज्य की राजनीति में गहरी ध्रुवीकरण की स्थिति है। समाजवादी पार्टी को इन आरोपों का जवाब देना होगा और यह तय करना होगा कि क्या वह ऐसे बयानों का समर्थन करती है या इसे नकारती है।(Kannauj)
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इस घटनाक्रम ने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी चुनावों में नेताओं के बयानों और उनकी नीतियों के बीच संघर्ष गहरा सकता है। फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि यह बयान राजनीति को किस दिशा में ले जाएगा, लेकिन यह निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ लाने वाला है।(Kannauj)