ब्यूरो रिपोर्ट… देश के कई राज्यों में हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि से सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है. इस नुकसान के बाद तिलहन किसान चिंतित हैं. इसी बीच हरियाणा (Haryana) के तिलहन किसान आगे की वित्तीय परेशानियों से बचने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर सरकारी खरीद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि हरियाणा (Haryana) में सरसों का एमएसपी 5,950 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन निजी व्यापारी 5,400 से 5,600 रुपये प्रति क्विंटल की पेशकश कर रहे हैं, जिससे किसान दुविधा में हैं.
हरियाणा (Haryana) राज्य के किसानों ने उपज पर बदलते मौसम के प्रभाव और एमएसपी से नीचे बेचने के जोखिम पर चिंता व्यक्त की है. बता दें कि इस साल क्षेत्र में 11,000 एकड़ में सरसों की खेती की गई थी. एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1,200 एकड़ में 0-25 फीसदी सरसों का नुकसान हुआ है, वहीं, लगभग 4,400 एकड़ में 26-50 फीसदी तक नुकसान हुआ है और लगभग 250 एकड़ में 51-75 फीसदी तक सरसों का नुकसान हुआ है.
किसानों को सरसों खरीद का इंतजार
हरियाणा (Haryana) में सरसों की खेती करने वाले किसान मलकीत सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी सरसों की फसल काट ली है और अब वो सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि निजी व्यापारी एमएसपी से कम कीमत दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि बदलते मौसम के कारण उपज में पहले ही गिरावट आ चुकी है. ऐसे में किसान और अधिक नुकसान नहीं उठाना चाहते हैं. इसी तरह, एक अन्य किसान गुरमीत सिंह ने कहा कि उनकी कटी हुई फसल का बड़ा हिस्सा बारिश में बह गया, जबकि बाकी फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई है. वो भी नुकसान से बचने के लिए सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे हैं.
5,500 रुपये में बेचनी पड़ रही उपज
एक अन्य किसान मनप्रीत सिंह ने कहा कि बेमौसम बारिश की वजह से उनकी उपज काफी कम रह गई है. उन्होंने कहा कि सामान्य 8-9 क्विंटल प्रति एकड़ की जगह, उन्हें इस बार प्रति एकड़ केवल 5 क्विंटल से थोड़ा अधिक उपज ही प्राप्त हुआ. ऐसे में उनको अपनी उपज खुले बाजार में 5,500 से 5,600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचनी पड़ रही है.
सरकार को देना चाहिए पर्याप्त मुआवजा
बीकेयू (चढूनी) के प्रवक्ता राकेश बैंस ने सरकारी खरीद में देरी की आलोचना करते हुए कहा कि अनाज मंडियों में सरसों की आवक जल्दी शुरू हो जाती है और जब तक सरकारी एजेंसियां कदम उठाती हैं, तब तक बहुत बड़ी मात्रा में सरसों एमएसपी से कम कीमत पर बिक चुकी होती है. सरकार ने हमें आश्वासन दिया था कि 28 फरवरी को खरीद शुरू होगी, लेकिन बाद में इसे 15 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है. ऐसे में किसान अपनी कटी हुई फसल के साथ इंतजार कर रहे हैं. सरकार को उन्हें उनके नुकसान की भरपाई करने में मदद करने के लिए पर्याप्त मुआवजा देना चाहिए.
Haryana में मौसम की वजह से पैदावार पर असर
अंबाला सिटी अनाज मंडी के एक निजी व्यापारी ने कहा कि काली सरसों का भाव फिलहाल 5,400-5,600 रुपये प्रति क्विंटल है. बाजार में पर्याप्त स्टॉक है और खुले कारोबार में कीमतों में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव होने की उम्मीद नहीं है. वहीं, इसे लेकर कृषि उपनिदेशक डॉ. जसविंदर सिंह किसानों की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहते हैं कि सरसों की फसल पर कीटों का कोई हमला नहीं हुआ है, लेकिन नवंबर, दिसंबर और जनवरी में सूखे के साथ-साथ अधिक तापमान के कारण पैदावार पर असर पड़ा है. हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने भी कुछ इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचाया है. किसान अब मुआवजे के लिए दावे कर रहे हैं.