गाजीपुर (पवन मिश्रा) : गाजीपुर मेडिकल कॉलेज (Ghazipur Medical College) में आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. वैभव सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस वीडियो में डॉ. सिंह ने कॉलेज की चिकित्सा सुविधाओं और मटेरियल पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने खासतौर पर प्लास्टर के लिए इस्तेमाल होने वाले पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की गुणवत्ता पर चिंता जताई। डॉ. सिंह ने इस पीओपी को इतना घटिया बताया कि उनका कहना था कि वे अपने कुत्ते का भी इस पीओपी से प्लास्टर नहीं करवा सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने मरीजों के परिजनों पर बाहर से मेडिकल मटेरियल खरीदने का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया।

Ghazipur Medical College के डॉ. वैभव सिंह का बयान
डॉ. वैभव सिंह ने वीडियो में कहा, “यह जो पीओपी इस्तेमाल किया जाता है, वह बिल्कुल बेकार है। अगर मैं अपने कुत्ते का भी प्लास्टर इस पीओपी से कराऊं, तो मुझे इसकी गुणवत्ता पर भरोसा नहीं है। हड्डी जुड़ने के अच्छे परिणाम की उम्मीद इस पीओपी से नहीं की जा सकती।” उनका यह बयान गाजीपुर मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है और इसने कॉलेज की व्यवस्था के प्रति मरीजों और उनके परिजनों के विश्वास को हिलाकर रख दिया है।
मरीजों के परिजनों पर दबाव
डॉ. वैभव सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि मरीजों के परिजनों को बाहर से मेडिकल मटेरियल खरीदने के लिए दबाव डाला जा रहा है। यह बताता है कि कॉलेज में जरूरी चिकित्सा सामग्री की कमी है और मरीजों को बाहर से उच्च गुणवत्ता का मटेरियल खरीदने की सलाह दी जाती है, जो पूरी प्रक्रिया को महंगा और कठिन बना देता है। इस तरह के दबाव से न केवल मरीजों का विश्वास टूटता है, बल्कि यह मेडिकल कॉलेज की साख को भी प्रभावित करता है।
पहले भी लगे थे आरोप
यह पहली बार नहीं है जब डॉ. वैभव सिंह पर आरोप लगे हैं। पहले भी उनके खिलाफ कई शिकायतें आ चुकी हैं, जो उनके पेशेवर व्यवहार और चिकित्सा प्रक्रिया को लेकर उठी थीं। हालांकि, इस वीडियो के बाद इस मामले में एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है और मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्रिंसिपल ने बनाई जांच समिति
डॉ. वैभव सिंह के बयान के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच समिति का गठन किया है। यह समिति पूरे प्रकरण की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस जांच का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि क्या वास्तव में गाजीपुर मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा सामग्री की गुणवत्ता में कोई कमी है और क्या डॉ. वैभव सिंह द्वारा उठाए गए सवाल सही हैं।(Ghazipur Medical College)
चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना गाजीपुर मेडिकल कॉलेज (Ghazipur Medical College) की चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं का स्तर और इलाज की गुणवत्ता हर मरीज के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। अगर अस्पतालों में आवश्यक चिकित्सा सामग्री की कमी होती है, तो यह न केवल मरीजों की जिंदगी के लिए खतरे का संकेत है, बल्कि यह स्वास्थ्य व्यवस्था की विश्वसनीयता को भी चुनौती देता है। डॉ. वैभव सिंह का यह बयान इस दिशा में एक अलार्म की तरह है, जिससे अन्य चिकित्सा संस्थानों में भी सुधार की आवश्यकता की तरफ ध्यान आकर्षित हो सकता है।(Ghazipur Medical College)
यह भी पढेः Hathras धौलपुर राशन डीलर योगेश उपाध्याय हत्याकांड में 9 महीने बाद भी मुख्य आरोपी पुलिस के हाथ नहीं आया, 1 लाख का इनाम।
गाजीपुर मेडिकल कॉलेज (Ghazipur Medical College) के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. वैभव सिंह का यह वीडियो उस मुद्दे को उजागर करता है, जो लंबे समय से छुपा हुआ था। चिकित्सा सामग्री की गुणवत्ता और अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं, जो इस अस्पताल और अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों की कार्यप्रणाली पर एक सवालिया निशान बनाते हैं। अब यह देखना होगा कि जांच समिति क्या निष्कर्ष निकालती है और कॉलेज में सुधार के लिए कौन से कदम उठाए जाते हैं। यह घटना मेडिकल जगत में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है।(Ghazipur Medical College)