ब्यूरो रिपोर्टः जैसे जैसे लोकसभा चुनाव करीब आ रहे है वैसे वैसे वेस्ट यूपी का राजनीतिक माहौल गरमा रहा है। हर तरफ चुनाव की ही चर्चा है। इस बार का चुनाव कई मायनों में अहम है। मुजफ्फरनगर समेत वेस्ट यूपी की कई सीटों पर इस बार मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद जताई जा रही है. वैसे तो मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पश्चिम यूपी की सबसे हॉट सीटों में से एक है. इसे जाट बेल्ट भी कहा जाता है. आजकल इस सीट को लेकर चर्चाओ का बाजार गर्म है।
एक ओर जहां चर्चा है कि 24 के लोकसभा चुनाव में सपा की ओर से हरेंद्र मलिक को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा है, तो वहीं दूसरी ओर रालोद चाहती है कि सीट बटबारे के वक्त ये सीट रालोद के खाते में आए. और इसका सबसे बड़ा कारण है क्योकि 2019 के चुनाव में अजीत सिंह को यहां से बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने करारी शिकस्त दी थी. तो उसी हार का बदला लेने के लिए जयंत इसी सीट से चुनावी ताल ठोकने की तैयारी में है।
ऐसे वक्त में जयंत चौधरी के एक बयान ने फिर से इस बात को हवा दे दी है. दरअसल 26 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र के काकड़ा और पुरबालियान में जयंत चौधरी एशियन गेम्स में पदक विजेताओं का सम्मान करने आए थे। और मुजफ्फरनगर इस दौरान उन्होने लोकसभा में उम्मीदवार और सीट शेयरिंग को लेकर बयान दिया उन्होने कहा कि अभी सीटों को लेकर बातचीत नही हुई है और मुजफ्फरनगर में कोई कुछ भी दावों कर रहा हो
लेकिन हमारी तरफ से अभी कुछ भी फाइनल नही हुआ है राजनीतिक पंडित जयंत के बयानों को मुजफ्फरनगर लोकसभा के लिहाज बेहद अहम मान रहे हैं। जयंत चौधरी ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारो ही इशारो में सपा को एक संदेश जरूर दे दिया है. आपको ये भी बता दे कि 5 जून को मुजफरनगर में सपा के कार्यकम में सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने कहा था कि अखिलेश यादव ने बताया है ।
कि मुजफ्फरनगर से पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक सपा के, गठबंधन के उम्मीदवार होंगे। ऐसे में इस सीट को लेकर सपा हो या रालोद दोनो ही अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहती है, लेकिन जयंत चौधरी के इस बयान ने अखिलेश को इशारों ही इशारो में संदेश भी दे दिया है कि मुजप्फरनगर में उनका दावा कितना मजबूत है ।