ब्यूरो रिपोर्ट… आपने भी खून (Blood) के थक्के जमने से जुड़ी बीमारियों के बारे में जरूर सुना होगा, जो कि बेहद गंभीर और जानलेवा हो सकती हैं। लेकिन अभी तक भी बहुत से लोगों को खून के थक्के जमने से जुड़ी जानकारी नहीं है और वे इसे हानिकारक समझते हैं। दरअसल, खून (Blood) के थक्के जमना बहुत जरूरी है और अगर ऐसा न हो पाए तो ब्लीडिंग को रोकना मुश्किल हो सकता है।
Blood के थक्के इन कारणों से
वहीं खून (Blood) के बहुत ज्यादा थक्के जमना भी खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि ऐसे में कई बार शरीर के किसी हिस्से में खून का थक्का बन जाता है और वह ब्रेन या हार्ट में जाकर फंस सकता है। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो कि जानलेवा स्थिति बन सकती है। चलिए जानते हैं ऐसे 5 कारणों के बारे में जिनके कारण दिमाग में खून (Blood) के थक्के जमने लग सकते हैं।
एट्रियल फाइब्रिलेशन
बहुत ही कम लोगों को इस बारे में जानकारी है कि एट्रियल फाइब्रिलेशन भी हार्ट से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें हार्टबीट बहुत ज्यादा तेज हो जाती है। इस स्थिति में हार्ट में ब्लड क्लोट बनने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है, तो कई बार रक्तस्राव के साथ दिमाग तक भी पहुंच जाता है।
कैंसर
कैंसर के मरीजों में ब्लड क्लोट होने का खतरा काफी बढ़ जाता है और यह थक्का शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकता है। इतना ही नहीं कैंसर के कारण होने वाली मौतों में एक बड़ी संख्या खून के थक्के से ही प्रभावित होती है। कैंसर के मरीजों को खून की समस्या का खतरा हो सकता है।
डायबिटीज
हाई ब्लड शुगर के मरीजों में भी ब्लड क्लोट बनने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है और देखा गया है कि इस बीमारी के मरीजों में थक्का आमतौर पर टांगों में बनता है। लेकिन यह थक्का रक्तस्राव के साथ दिमाग तक पहुंच सकता है और दिमाग में जम सकता है। यही कारण है कि डायबिटीज में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
हाइपरटेंशन
हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है और इसमें मरीजों को ब्लड क्लोट बनने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें ब्लड क्लोट से जुड़ी समस्या हो सकती है जिसका खास ध्यान रखना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल
हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों में भी ब्लड क्लोट का खतरा काफी ज्यादा रहता है, जिसे इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए हाई कोलेसट्रॉल के मरीजों को खासतौर पर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा चाहिए और अगर किसी भी तरह की कोई परेशानी महसूस होती है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें। अस्वीकरण: प्रिय पाठकों यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।