ब्यूरो रिपोर्टः बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ 2200 से अधिक हिंसक घटनाएं सामने आई हैं, जो 2023 में हुईं। इन घटनाओं में हिंदू मंदिरों को तोड़ने, हिंसक हमलों, यौन उत्पीड़न, और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने जैसी वारदातें शामिल हैं। इस हिंसा ने बांग्लादेश को इस मामले में पाकिस्तान से भी एक कदम आगे बढ़ा दिया है, जहां हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों की लंबी इतिहास है।
Bangladesh ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ा
बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदू समुदाय की संख्या करीब 8-10 प्रतिशत है, और इस समुदाय को लंबे समय से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। हालांकि, 2024 के दौरान स्थिति ने गंभीर मोड़ लिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदू महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, मंदिरों को जलाना, मूर्ति तोड़ना और हिंदू परिवारों पर हमले आम हो गए हैं। कई बार यह हिंसा धार्मिक पर्वों जैसे दुर्गा पूजा और दीवाली के दौरान हुई है, जब अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोग अपनी धार्मिक आज़ादी का पालन कर रहे थे। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा का बढ़ना भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदू समुदाय के खिलाफ होने वाली हिंसा ने पाकिस्तान के साथ तुलना की स्थिति पैदा कर दी है, जो कि अपनी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लिए बहुत ही संवेदनशील है। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय को कई सालों से उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करना पड़ता रहा है, लेकिन बांग्लादेश में इस प्रकार की हिंसा अब पाकिस्तान से भी बढ़ती दिखाई दे रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा की निंदा की है, और भारत सहित कई देशों ने बांग्लादेश सरकार से इस पर तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है। कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने बांग्लादेश सरकार से हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
यह भी पढ़ेः Keshav Prasad Maurya ने सपा सांसद के खिलाफ बिजली चोरी मामले पर दी ये प्रतिक्रिया…
बांग्लादेश (Bangladesh) सरकार का इस पर कहना है कि वह हिंसा के मामलों में कड़ी कार्रवाई करेगी और दोषियों को सजा दिलवाएगी, लेकिन वास्तविकता में सुधार की कमी महसूस हो रही है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ती हिंसा और उत्पीड़न का सिलसिला अब एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुका है। 2200 हिंसक घटनाओं ने बांग्लादेश को एक खतरनाक दिशा में धकेल दिया है, और इसे पाकिस्तान के साथ तुलना की जा रही है।