ब्यूरो रिपोर्टः गाजियाबाद (Ghaziabad) में धर्म संसद के आयोजन के लिए अनुमति नहीं मिलने के बाद, आयोजकों ने इसे अब दूसरे राज्य में आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह धर्म संसद अब अगले तीन दिनों तक किसी अन्य राज्य में आयोजित होगी। आयोजकों ने इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए वैकल्पिक स्थान की तलाश शुरू कर दी है, क्योंकि गाजियाबाद के प्रशासन ने सुरक्षा और अन्य कारणों से इसे आयोजित करने की अनुमति नहीं दी थी।
Ghaziabad में नहीं मिली अनुमति
रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) में आयोजित होने वाली ‘धर्म संसद’ के खिलाफ याचिका दायर करने वाले कुछ पूर्व नौकरशाहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वे इसे तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए ईमेल भेजें। दरअसल आपको बता दे कि याचिका में ‘मुसलमानों के नरसंहार’ का आह्वान किए जाने का आरोप लगाया गया है। गाजियाबाद प्रशासन ने धार्मिक या साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए इस कार्यक्रम की अनुमति न देने का निर्णय लिया था।
इसके साथ ही गाजियाबाद (Ghaziabad) में धर्म संसद के आयोजन से जुड़ी कुछ चिंताएं और विवाद भी सामने आए थे, जिनमें सार्वजनिक व्यवस्था और स्थानीय सुरक्षा के मुद्दे प्रमुख थे। हालाकिं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खन्ना ने कहा, मैं इस रिपोर्ट पर विचार जरूर करूंगा, कृपया करके आप ई-मेल भेजें। वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि मुसलमानों के संहार का सार्वजनिक तौर पर आह्वान किया गया है और इस याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की जरूरत है, क्योंकि ‘धर्म संसद’ मंगलवार से शुरू होने वाली है। हालाकिं धर्म संसद का आयोजन गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति मंदिर परिसर में मंगलवार से शनिवार तक होना है.
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धर्म संसद एक धार्मिक सम्मेलन होता है, जिसमें धार्मिक नेता और समर्थक बड़ी संख्या में एकत्र होते हैं और धार्मिक और सांस्कृतिक विषयों पर चर्चा करते हैं। हालांकि, इस प्रकार के कार्यक्रम कभी-कभी विवादों का कारण बन सकते हैं, खासकर अगर वहां किसी विशेष धार्मिक या राजनीतिक मुद्दे को उकसाने का जोखिम हो। गाजियाबाद (Ghaziabad) से अब इस आयोजक के कार्यक्रम को दूसरे राज्य में आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, कार्यक्रम के स्थान और तारीख के बारे में आयोजकों ने अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।