ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विधानसभा (Assembly) में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने हिंदू समुदाय के धार्मिक जुलूसों और सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उनका बयान एक खास घटना को लेकर था, जिसमें कुछ धार्मिक जुलूस मस्जिदों के पास से नहीं निकलने दिए गए थे।
Assembly में गरजे सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा (Assembly) में जोर देकर कहा कि अगर कोई जुलूस कानूनी रूप से सही है, तो वह किसी भी जगह से गुजर सकता है, बशर्ते कि वहां की शांति और सुरक्षा को कोई खतरा न हो। उनका यह बयान उस समय आया जब कुछ इलाके में धार्मिक जुलूसों को मस्जिदों के पास से जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को हर मामले में संतुलन बनाए रखना चाहिए। जब किसी धार्मिक जुलूस के दौरान कुछ असामाजिक तत्व हिंसा फैलाने की कोशिश करते हैं, तो उसे रोकने के लिए प्रशासन का दायित्व बनता है।
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि किसी भी धार्मिक जुलूस या कार्यक्रम को यदि शांति व्यवस्था में बाधा नहीं डालने दी जाती है, तो उसका आयोजन हर जगह हो सकता है। लेकिन जब किसी धार्मिक गतिविधि के कारण शांति और कानून-व्यवस्था पर खतरा हो, तो प्रशासन को ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति देने में विवेक का प्रयोग करना होता है। विधानसभा (Assembly) मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का काम है कि वह समाज में सौहार्द्र बनाए रखे, और धार्मिक संवेदनशीलता का सम्मान करते हुए सबको अपनी धार्मिक भावनाओं के अनुसार आचरण करने की स्वतंत्रता प्रदान करे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परिस्थितियों में प्रशासन का मुख्य कर्तव्य है कि वह शांति बनाए रखे, और यदि कोई जुलूस किसी संवेदनशील जगह से गुजरने की कोशिश करता है, तो इसे नियंत्रित किया जाता है ताकि समाज में कोई विवाद या हिंसा न हो। विाधानसभा (Assembly) में सीएम योगी का यह बयान समाज में धार्मिक सद्भाव बनाए रखने और शांति की स्थिति को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से था। उनके बयान का मकसद यह स्पष्ट करना था कि धार्मिक स्वतंत्रता हर किसी का अधिकार है, लेकिन यह भी जरूरी है कि हम एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें और कानून-व्यवस्था बनाए रखें।