ब्यूरो रिपोर्टः उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में आरती रावत (Aarti Rawat) के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई के संकेत दिए हैं, जिसमें कानपुर नगर निगम की प्रमुख आरती रावत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में योगी सरकार ने अब मंडलायुक्त रोशन जैकब को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है, जो आरती रावत (Aarti Rawat) के कार्यों की विस्तृत जांच करेंगी। यह कार्रवाई प्रशासनिक भ्रष्टाचार और गंभीर प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों के संदर्भ में की जा रही है।
Aarti Rawat पर भ्रष्टाचार का आरोप
आरती रावत (Aarti Rawat) पर आरोप है कि उन्होंने कानपुर नगर निगम के संचालन में गंभीर अनियमितताएँ और प्रशासनिक लापरवाहियाँ की हैं। उनके खिलाफ कई शिकायतें और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिनमें वित्तीय गड़बड़ियाँ, अनधिकृत निर्माण कार्यों को मंजूरी देना, और कानूनी नियमों का उल्लंघन करना शामिल है। इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, योगी सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।
दरअसल आपको बता दे कि गोसाईगंज से जिला पंचायत सदस्य नीतू रावत ने शासन को एक शिकायती पत्र भेजा था जिसमें नीतू रावत ने आरती रावत (Aarti Rawat) पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने आरती के अधिकार सीज कर दिए। जांच में पाया गया है कि आरती ने अपने मनमाने तरीके से कई फैसले लिए, जिसमे फंड का दुरुपयोग हुआ। और इसके अलावा भी कई तरह की वित्तीय समस्याएँ पाई गईं।
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मंडलायुक्त रोशन जैकब द्वारा जांच की प्रक्रिया के बाद, योगी सरकार इस मामले में जरूरी कदम उठाएगी। जिससे राज्य के अन्य अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी बन सकती है। योगी सरकार का यह कदम यह दर्शाता है कि वह उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सुधारों को गंभीरता से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है।