ब्यूरो रिपोर्टः राज्यसभा (Rajya Sabha) में नोटों की गड्डियां मिलने को लेकर हाल ही में एक बड़ा हंगामा हुआ था। यह घटना तब हुई जब कुछ सांसदों ने राज्यसभा (Rajya Sabha) की कार्यवाही के दौरान नोटों की गड्डियां दिखाईं, जो कथित तौर पर कुछ व्यक्तियों या दलों के बीच में गलत तरीके से वितरित की जा रही थीं। इस घटना ने संसद के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर तीव्र राजनीतिक बहस को जन्म दिया है।
Rajya Sabha में नोटों की गड्डियां मिली
राज्यसभा (Rajya Sabha) में नोटों की गड्डियों के मिलने के बाद विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ एक गंभीर आरोप के रूप में पेश किया और इसे सरकारी भ्रष्टाचार का प्रतीक मानते हुए कड़ी निंदा की। इस मुद्दे ने कई सवाल उठाए, खासकर यह कि क्या यह घोटाला एक बड़े राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा था।
लोकसभा की कार्यवाही को भी स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि इस मुद्दे ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में संसद के भीतर गहमा-गहमी और असहमति का माहौल पैदा कर दिया था। विपक्ष ने इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हुए सदन के बाहर भी सरकार से जवाब मांगा, जबकि सरकार ने इसे एक साजिश और विपक्ष द्वारा किए गए राजनीतिक ड्रामे के रूप में बताया।
यह भी पढ़े: यूपी परिवहन निगम employees के लिए बड़ी खबर, अब मिलेगा 1 करोड़ का बीमा…
इस घटना के बाद से, यह सवाल उठ रहा है कि क्या संसद में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े नियमों और निगरानी की आवश्यकता है। साथ ही, यह मुद्दा सियासी दलों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही के सवाल को भी सामने लाता है।