ब्यूरो रिपोर्टः सपा सांसद इकरा हसन (iqra hassan) ने असम सरकार के फैसले को तानाशाही वाला करार दिया है। उन्होंने असम सरकार के फैसलों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्य और मानवाधिकारों के खिलाफ हैं। इकरा हसन (iqra hassan) का कहना था कि असम सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वे पूरी तरह से तानाशाही और असंविधानिक हैं, और यह आम लोगों के अधिकारों पर हमला है।
सपा सांसद iqra hassan का बड़ा बयान
इकरा हसन (iqra hassan) ने असम सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राज्य की जनता के लिए कोई लाभकारी नहीं होंगे और केवल विभाजन की राजनीति को बढ़ावा देंगे। उन्होंने सरकार से यह आग्रह किया कि जनता के हित में काम किया जाए और विकास की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएं, बजाय इसके कि राजनीति को संप्रदायिक आधार पर विभाजित किया जाए।
इकरा हसन (iqra hassan) ने असम मुख्यमंत्री को तर्कपूर्ण तरीके से जवाब देते हुए कहा कि ऐसे बयानों से केवल नफरत फैलती है और इससे जनता में असहमति बढ़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि असम सरकार को प्रदेश में विकास कार्यों और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बजाय इसके कि वे दूसरे राज्यों की राजनीति पर टिप्पणियां करें।
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यह बयान असम सरकार की ओर से किए गए कुछ हालिया फैसलों पर आया है, जिनमें इकरा हसन ने तानाशाही के आरोप लगाए थे और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा की आवश्यकता की बात की है।