ब्यूरो रिपोर्टः यूपी उपचुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और केन्द्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ाने वाला प्लान बना दिया है. बता दे कि जयंत चौधरी के इसी प्लान ने सपा मुखिया अखिलेश यादव की नींद उड़ा डाली है. दरअसल प्लान ऐसा है कि रालोद मुखिया जयंत चौधरी के सिपाही अखिलेश के सिपाहियों से दो-दो हाथ करने को सियासी मैदान में उतरने वाले हैं. आपको बता दे कि रालोद मुखिया के ये सिपाही सपा मुखिया अखिलेश यादव की मजबूत से घेराबंदी करेंगे. दरअसल सियासत के बड़े खिलाड़ियों में शुमार जयंत चौधरी ने इस प्लान को पहले ही बना लिया था, लेकिन लागू तय वक्त पर करना था।
Jayant Chaudhary के इस प्लान ने बढ़ाई सपा की टेंशन
और 1 वो दौर था जब जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की जोड़ी के बड़े चर्चे रहते थे, लेकिन सियासत में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता. वही यूपी विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बजने के बाद से ही सभी की नजरें जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) पर टिकी थी, कि जयंत अखिलेश के खिलाफ क्या करेंगे, जयंत अखिलेश यादव की कैसे मुश्किलें बढ़ाएंगे और जयंत ऐसा क्या करेंगे कि समाजवादी पार्टी टेंशन में आ जाएगी. जिसके बाद जब रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने अपने पत्ते खोले तो उसने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है, कि जयंत चौधरी का ये दांव अखिलेश यादव को भारी पड़ सकता है।
रालोद मुखिया जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) अब बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं तो एनडीए के प्रत्याशी को मजबूती देने के लिए जयंत चौधरी ने बड़ा दाव चल दिया और जिससे बीजेपी तो खुश है, लेकिन सपा टेंशन में है. वही दूसरी तरफ पश्चिमी यूपी की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीट मीरापुर में रालोद मुखिया जयंत चौधरी अपनी पूरी ताकत झोंक रहें हैं, और अखिलेश यादव की हर चाल को नाकामयाब करने में जुटे हैं. वहीं जयंत चौधरी ने पांच अन्य सीटों पर भी अखिलेश यादव से दो-दो हाथ करने का बड़ा प्लान बना दिया है. जयंत चौधरी ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश, क्षेत्रीय और जिला स्तर के पदाधिकारियों की ड्यूटी लगा दी है।
और सभी को जिम्मेदारी सौंप दी गई है कि एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दें. बता दे कि जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने मीरापुर, कुंदरकी, खैर, करहल, सीसामाउं और फूलपुर सीट पर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों को मैदान में डट जाने के निर्देश दे दिए हैं। दरअसल अल्पसंख्यक मोर्चा के सिपाहियों के सहारे सपाईयों को घेरने के जयंत के इस प्लान ने अखिलेश के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
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एक तरफ अखिलेश पीडीए की दुहाई देंगे तो दूसरी तरफ जयंत (Jayant Chaudhary) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सिपाही एनडीए के मजबूत गठबंधन को और मजबूत करने और सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे। लेकिन टक्कर आमने-सामने की होगी। लेकिन देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि कौन किस पर भारी पडेंगा।