संभल (महबूब अली): खबर यूपी के संभल से है, जहां मिल चलने में देरी और गेहूं की तैयारी में जुटे किसान (Farmer) कोल्हुओं पर औने-पौने दामों में गन्ना बेचने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 150 से 170 रुपये का नुकसान हो रहा है। शुगर मिलो का पेराई सत्र शुरू होने से पूर्व ही पावर कोल्हू का संचालन शुरू हो चुका है। कोल्हू स्वामी किसानों (Farmer) का गन्ना औने-पौने दामों पर खरीदते हुए गुड़ उत्पादन करने में जुटे हैं।
Farmer कम दामों में गन्ना बेचने के लिए मजबूर
किसानों (Farmer) को उनकी फसल का मनचाहा दाम नहीं मिलने से जहां वह आर्थिक तंगी से जूझने के लिए मजबूर हैं, वहीं कोल्हू संचालक मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। बता दे कि सीजन के शुरू में करीब 350 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना बेचने वाले किसानों (Farmer) को अब कोल्हुओं में 180 से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव मिल रहा है। कोल्हुओं में बड़ी मात्रा में गन्ना पहुंच रहा है। संभल के किसानों का कहना है कि आर्थिक परेशानी के साथ चारा और गेहूं की बुआई के लिए खेत खाली करने की चिंता है तो दूसरी ओर गन्ना बीमारी की चपेट में आ गया है।
जबकि मिल चालू होने में अभी समय लगेगा। इसलिए मजबूरी में कोल्हुओं पर कम दामों में गन्ना बेचना पड़ रहा है। मिल चलने का अभी कोई भरोसा नहीं है। जबकि गन्ना बीमारी की चपेट में आ गया है। जब तक मिल चलेगा, गन्ने का वजन आधा रह जाएगा। दरअसल जिसकी वजह से गन्ने को कोल्हू और क्रेशर पर 180 रुपये प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर है। मिल देर से शुरू होने के कारण कोल्हू पर गन्ना बेचना मजबूरी है।
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बच्चों की स्कूल फीस के कारण कोल्हू पर गन्ना बेचना पड़ रहा है। वहीं मिल के देर से चलने पर गेहूं की बुआई का समय भी निकल जाएगा, जब तक चीनी मिलें नहीं चलेंगी तब तक किसान (Farmer) ऐसे ही लुटते रहेंगे। किसानों के सामने अगैती प्रजाति के गेहूं बुआई की चुनौती है। इसके चलते ही कम दाम पर गन्ना बेचने की मजबूरी है।