ब्यूरो रिपोर्टः बुखार हैं पैरासिटामोल खा लो, दरअसल बुखार होने पर बिना किसी डॉक्टर की सलाह के पैरासिटामोल की गोली खाना आम बात है. अगर आप भी ऐसा करने वालों में शामिल हैं, तो तुंरत सावधान हो जाए. दरअसल देश में दवाओं (Medicines) की क्वालिटी की निगरानी करने वाले नियामक केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन के क्वालिटी टेस्ट में पैरासिटामॉल की गुणवत्ता फेल हो गई हैं, जो बड़े ही हैरानी की बात हैं।
Medicines क्वालिटी टेस्ट में हुई फेल
क्योंकि ये दवाएं (Medicines) रोजमर्रा जीवन में इस्तेमाल की जाती हैं, सीडीएससीओ की ‘ड्रग अलर्ट लिस्ट’ में 50 से अधिक ऐसी दवाएं शामिल की गई हैं, क्वालिटी स्टैंडर्ड पर खरी नहीं उतरी हैं. बता दे कि इसका मतलब साफ है कि बाजार में मौजूद ये दवाएं घटिया क्वालिटी की हैं. हैरानी की बात ये हैं कि क्वालिटी टेस्ट में फेल होने वाली दवाओं (Medicines) में पैरासिटामोल भी शामिल हैं, दरअसल इसके अलावा शुगर, ब्लड प्रेशर, विटामिन डी3 सप्लीमेंट्स की दवाओं (Medicines) के साथ ही एंटीबायोटिक्स भी शामिल हैं।
बता दे कि दरअसल इनमें से अधिकतर दवाओं का ज्यादातर भारतीय अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं. हालांकि वही इस लिस्ट में एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली पैंटोसिड टैबलेट, दौरे और एंग्जाइटी में इस्तेमाल की जाने वाली क्लोनाजेपाम टैबलेट, दर्द निवारक डिक्लोफेनेक, सांस की बीमारी के लिए इस्तेमाल होने वाली एंब्रॉक्सोल, एंटी फंगल फ्लुकोनाजोल और कुछ मल्टी विटामिन व कैल्शियम की गोलियां भी शमिल हैं।
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दरअसल बता दे कि पेट में हुए इंफेक्शन के लिए ली जाने वाली मेट्रोनिडाजोल भी जांच में पास नहीं हुई है. आपको बता दे कि साथ ही साथ उर्सोकोल 300 टैबलेट भी फेल है, जो पित्ताशय की पथरी और लिवर की बीमारियों के इलाज में भी यह इस्तेमाल होती है. हालांकि दवाओं की इस सूची में इसके साथ ही हेयर ट्रीटमेंट, स्किनकेयर, एंटीपैरासिटिक, और एंटी एलर्जिक के लिए उपयोग की वाली दवाएं (Medicines) भी शामिल हैं।