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Haryana Doctors Strike : हरियाणा के 70 CH, 122 CHC, 534 PHC और 2674 सब सैंटर्स के डॉक्टर फिर हड़ताल पर; लोग परेशान

Haryana Doctors Strike : हरियाणा के 70 CH, 122 CHC, 534 PHC और 2674 सब सैंटर्स के डॉक्टर फिर हड़ताल पर; लोग परेशान

Haryana Doctors Strike, पानीपत : लोकसभा चुनाव में आधी जीत गंवा चुकी भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा सरकार की मुश्किलें आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं। हालिया स्थिति की बात करें तो धरती के भगवान कहे जाने वाले प्रदेश के हजारों छोटे-बड़े सरकारी डॉक्टर्स अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर चले गए और इसके चलते अस्पतालों में आम लोग परेशान हैं। उधर, अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि अगर वक्त रहते इनकी मांगों पर विचार कर लिया गया होता तो आज यह स्थिति खड़ी नहीं होती।

गौरतलब है कि बीती 15 जुलाई को पूरे हरियाणा के 70 सिविल अस्पतालों, 122 कम्युनिटी हैल्थ सैंटर्स, 534 प्राइमरी हैल्थ सैंटर्स और 2674 सब सैंटर्स में सेवारत डॉक्टर्स ने 2 घंटे के लिए काम छोड़ हड़ताल की थी। उन्होंने कड़ी चेतावनी दी थी कि अगर 25 जुलाई तक इनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो फिर ये अनिश्चित काल के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे। हालांकि पिछले प्रदर्शन में हड़ताली डॉक्टर्स ने सिर्फ ओपीडी ही बंद की थी। इमरजेंसी सेवाएं चालू थी, लेकिन पहले से दिए गए अल्टीमेटम के अनुसार अब प्रदेश के डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी हैं।

ये चार मांगें हैं डॉक्टर्स की, जिन्हें सरकार को सुन लेना चाहिए

जहां तक यह बखेड़ा खड़ा होने की वजह की बात है, राज्य के विभिन्न अस्पतालों में विशेषज्ञों के लिए अलग से कैडर बनाने की मांग की जा रही है। कहा जा रहा है कि इसे स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए अनिल विज ने भी मान लेने का आश्वासन दिया था और मुख्यमंत्री की घोषणा में भी शामिल किया गया था। बावजूद इसके दो साल बीत गए हैं और अभी तक यह मांग मांग ही है।

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हड़ताली डॉक्टर्स की मानें तो नौकरी पा चुके MBBS, BAMS, BDS या दूसरे डॉक्टर्स को अगर पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए जाना पड़े तो एक-एक करोड़ रुपए के दो बॉन्ड भरने पड़ते हैं। सबसे बड़ी परेशानी यही है। इनकी मांग है कि इस पॉलिसी को रद्द करके सरकार पुरानी पॉलिसी को लागू कर दे, जिसमें पीजी बॉन्ड की रकम 50 लाख रुपए थी। तीसरी मांग ये है कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में खाली पड़े पदों पर डॉक्टर्स की भर्ती जल्द की जाए और इसके अलावा चौथी मांग में सीनियर मैडिकल अफसर (SMO) की सीधी भर्ती नहीं किए जाने की बात है।

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18 जुलाई की बैठक में क्या हुआ था?

उधर बड़ी बात यह भी है कि 15 जुलाई की सांकेतिक हड़ताल के बाद 18 जुलाई को सरकार और डॉक्टरों की एक बैठक हुई थी। इसमें वाहन भत्ता 500 रुपए प्रति माह से 3 हजार रुपए करने, 4, 9 और 13 साल की सेवा पर एशोयर करियर प्रोग्रेशन (ACP) देने, PG Bond की रकम घटाकर 50 लाख करने और SMO की सीधी भर्ती नहीं नहीं करने पर सहमति बनी थी। सरकार ने 25 जुलाई से पहले लिखित आदेश जारी करने की बात कही थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

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