नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को एक बड़े Kidney Racket से पर्दा उठाया है। यह गैंग पांच राज्यों में अपने पैर जमाए हुए था। इस कार्रवाई में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दो बड़े अस्पताल भी संदेह के घेरे में हैं। आरोपियों से 34 नकली स्टैंप, 17 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 9 सिम कार्ड, 1 लग्जरी कार, डेढ़ लाख रुपए के अलावा डोनर और पेशेंट के फर्जी दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद किए हैं। बीते 10 दिन में देश में इस काले धंधे से जुड़े लोगों पर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले 9 जुलाई को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ही कुल 37 लोगों को पकड़ा था, जिनमें से 30 बांग्लादेश के नागरिक हैं।
जाली दस्तावेजों से अस्पताल में नौकरी करके जुटाते थे मरीजों की जानकारी
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने इंटर स्टेट किडनी सेल रैकेट का पर्दाफाश कर 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान पता चला कि ये लोग हरियाणा, दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पड़ते उत्तर प्रदेश के इलाके के अलावा पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात में सक्रिय थे। गैंग से जुड़े कुछ लोग जाली दस्तावेज तैयार करके अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के तौर पर नौकरी पकड़ लेते थे। वहां से किडनी पेशेंट्स की जानकारी जुटाने के साथ ही उनके टैस्ट भी ये लोग करवा लेते थे, जिससे कि सही डोनर को ढूंढने में आसानी हो। सोशल मीडिया के जरिये डोनर तक भी पहुंच बना लेते थे और फिर उनसे 4-5 लाख रुपए में किडनी लेकर आगे लगभग 20 से 30 लाख रुपए में बेच देते थे।
ये हैं गिरफ्तार किए गए तस्करों के नाम
पुलिस अधिकारी के मुताबिक इस गैंग का मास्टरमाइंड संदीप आर्य कई अस्पतालों में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर के तौर पर पहचाना गया। इसके साथ संदीप, देवेंद्र, विजय, पुनीत, हनीफ, चीखा, तेज प्रकाश और रहित वर्मा भी काम करते थे। इन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन आठों लोगों के कब्जे से 34 नकली स्टैंप, 17 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 9 सिम कार्ड, 1 लग्जरी कार, डेढ़ लाख रुपए, डोनर और पेशेंट के नकली दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद किए हैं। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी डॉक्टर की भूमिका सामने नहीं आई है।
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नोएडा के नामी अस्पताल में काम कर चुकी डॉक्टर विजया भी चढ़ी थी पुलिस के हत्थे
उधर, इससे पहले किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह से जुड़ी नामी अस्पताल की डॉक्टर विजया कुमारी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके साथ काम करने वाले गिरोह का बांग्लादेश निवासी मास्टरमाइंड रसेल भी जसोला विहार से गिरफ्तार किया गया था। अभी तक की छानबीन में पता चला है कि नोएडा के एक नामी अस्पताल में विजया कुमारी ने गैर कानूनी तरीके से 15 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट की थी।
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