पानीपत : लोकसभा चुनाव का शोर थमा तो अब हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) के लिए मैदान सजने लग गया है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी हो या दो प्लान से विपक्ष में बैठी कांग्रेस या फिर दूसरे दल, सभी ने राजनीति की शतरंज पर चाल चलने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। हर कोई सत्ता का रण जीतने में मददगार उम्मीदवार ढूंढने में लगा हुआ है। आज सशक्त दावेदार सीरिज में News 80 आपको प्रमुख पार्टियों के उन नेताओं से रू-ब-रू कराने जा रहा है, जो पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरकर जनता से आस लगाने में कामयाब हो सकते हैं। आज हम बात करेंगे पानीपत ग्रामीण हलके की।
ऐसा है पानीपत का इतिहास
हर कोई जानता है कि पानीपत आखिर किस चीज के लिए जाना जाता है। पहले द्वार युग के अंत में अपनो के सताए पांडु पुत्र जब जगह-जगह से उजड़ते और नई जगह आबाद करते फिर रहे थे तो हरियाणा की पावन धरती पर जंगल को आबाद किया। नाम प्राणप्रस्थ रखा गया। धीरे-धीरे आम बोलचाल में यही शब्द पानीपत हो गया। इसके बाद यह धरती न सिर्फ मुगल साम्राज्य की स्थापना का साक्षी बनी, बल्कि मराठों की शौर्यगाथा को भी अपने अंदर समेटे हुए है। जिला मुख्यालय महानगर से लगभग साढ़े 8 किलोमीटर दूर काला आम नामक जगह पर युद्धस्मारक भी स्थापित है। यह वो जगह है, जहां पानीपत की तीनों अहम जंगों की यादें आपको आज भी मिल जाएंगी। इसके अलावा पानीपत का हैंडलूम का कारोबार तो देश-दुनिया में खूब मशहूर है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत यहीं से
इसी के साथ बात करें राजनैतिक परिदृश्य की तो इस क्षेत्र में भी पानीपत की अपनी अहमियत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत भी इसी धरती से की थी। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से दो को पानीपत शहरी और पानीपत ग्रामीण के नाम से जाना जाता है।
2005 में कांग्रेस के बलबीर पाल शाह बने थे विधायक
पानीपत ग्रामीण हलके को वर्ष 2005 में पहली बार अपना विधायक मिला। उस वक्त कांग्रेस के बलबीर पाल शाह विजयी रहे, जो इससे पहले पानीपत शहरी में मजबूत पारी खेल चुके थे। 2009 में इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ओम प्रकाश जैन को जीत मिली। इसके बाद 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार महिपाल ढांडा लगातार जीत चुके हैं। उन्होंने जननायक जनता पार्टी (JJP) के देवेंद्र कादियान को 21961 वोटों से हराया था। फिलहाल महिपाल ढांडा सरकार में पंचायत मंत्री भी हैं।
हालिया चुनाव में ये हो सकते हैं मजबूत दावेदार
अब जबकि एक बार फिर चुनावी बिसात बिछने लग गई है तो इस शतरंज में महिपाल ढांडा हैट्रिक लगाने के लिए अपने आप को एकदम मुस्तैद मान रहे हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि भाजपा भी इस उन्हीं पर अपना दांव खेल सकती है।
उधर, कांग्रेस में दावेदारों की बात करें तो लिस्ट थोड़ी लंबी है। यहां से पार्टी के ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमर सिंह रावल की दावेदारी काफी मजबूत है। इनके अलावा पूर्व मंत्री बिजेंद्र उर्फ बिल्लू कादियान, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन कुंडू, सालभर पहले कांग्रेस ज्वायन कर चुके जिला परिषद के उप प्रधान आर्य सुरेश मलिक, पूर्व मेयर सुरेश वर्मा, मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन डॉ. करण सिंह कादियान और कई अन्य नेताओं के नाम भी चर्चा में चल रहे हैं।
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