बदलापुर (उत्तर प्रदेश) : हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनैतिक पार्टियों ने अपने-अपने अंदाज में सरगर्मियां तेज कर दी हैं। भारतीय जनता पार्टी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए लालायित है तो कांग्रेस और दूसरे दल इस सत्ता से बाहर करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है। अपनी ही पार्टी के खिलाफ बागी तेवर अख़्तियार करने वाले उत्तर प्रदेश के बदलापुर के BJP MLA रमेश मिश्रा का कहना है कि अगर केंद्रीय नेतृत्व ने दखल नहीं दिया तो कहीं हरियाणा के हाल भी यूपी जैसे न हो जाएं। हालांकि मामला तूल पकड़ने लगा तो वह अपने बयान से पलट भी गए।
ध्यान रहे, हाल में लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। प्रदेश में कांग्रेस और सहयोगी दलों के गठबंधन को 43 सीटों पर जीत मिली है, जबकि भाजपा खेमे को 36 में ही सब्र करना पड़ा। हरियाणा में भी कुछ-कुछ ऐसे ही हालात हैं। पिछले चुनाव में जहां भाजपा सभी 10 सीटों पर जीती थी, वहीं इस बार सिर्फ 5 ही बचा पाई। जहां तक कारण की बात है, इस पर बात करते हुए बदलापुर विधानसभा के भाजपा विधायक रमेश मिश्रा ने कहा कि इसके लिए पार्टी का उत्तर प्रदेश का स्थानीय नेतृत्व जिम्मेदार है। अगर जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व ने यूपी बीजेपी में दखल नहीं दिया तो बीजेपी के लिए 2027 की राह आसान नहीं होगी। सत्ता पाने का सपना सपना रह जाएगा। इतना ही नहीं, अगर आज ही चुनाव हो जाए तो बीजेपी दूर-दूर तक नहीं है।
उधर, भाजपा विधायक के इस बयान को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर निशाना साधा, ‘भाजपा की आम जनता का शोषण करने वाली, समाज को तोड़ने वाली नकारात्मक राजनीति के पास पीडीए की पॉजिटिव पॉलिटिक्स का कोई जवाब नहीं है, इसीलिए भाजपा के अपने ही लोगों में हड़बड़ाहट है’।
…और गजब तो तब हो गया, जब मामले के तूल पकड़ने के 24 घंटे के अंदर विधायक मिश्रा ने यू टर्न ले लिया। अब भाजपा विधायक रमेश मिश्रा का कहना है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उनकी ऐसी मंशा नहीं थी। इसके बाद वह विपक्ष पर हमलावर हो गए। चाहे जो भी हो, अब तो तीर कमान से निकल ही चुका है।
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