पानीपत : एक वक्त था, जब कहा जाता था-देसां मं देस हरियाणा, जित दूध दही का खाणा। आज प्रदेश के हालात इससे कुछ ज्यादा ही हटकर हो चले हैं। अब लोगों ने ‘देसा में देस हरियाणा, जो बन गया अपराध और बेरोजगारी का ठिकाना’ की चुटकियां लेना शुरू कर दिया है। मुद्दा ही कुछ ऐसा है। राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर शुरू हो चुकी गहमागहमी के बीच इन दिनों एक रिपोर्ट खासी सुर्खियों में है, जो बताती है कि हरियाणा बेरोजगारी के मामले में देश में नंबर-1 की पोजिशन पर खड़ा हुआ है। इसको लेकर कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमर सिंह रावल ने प्रदेश की भाजपा सरकार (Harana BJP Govt.) पर सवाल उठाए हैं।
चौंकाने वाले हैं CMIE के आंकड़े
सबसे पहले तो बता दें कि हाल ही में देश में बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर रखने वाली एक निजी संस्था सैंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट पर गौर करें तो देश में हाल ही में जीडीपी वृद्धि दर और बेहतर जीएसटी कलेक्शन के रिकॉर्ड आंकड़े आए, लेकिन इसी के साथ बेरोजगारी दर बढ़ने की चिंताजनक खबर भी आई है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 1.37% बढ़कर 8.32% हो गई है, जो पिछले महीने 6.95% थी। ज्यादा चिंताजनक हालत तो हरियाणा प्रदेश की है। बेरोजगारी के 35.7% आंकड़े के साथ हरियाणा देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में टॉप पर है।
इसी मुद्दे पर News 80 के रिपोर्टर अंकुर शर्मा ने कांग्रेस नेता अमर सिंह रावल के साथ एक विशेष बात की। इस दौरान कांग्रेस नेता रावल ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला है।
हाल ही में आई बेरोजगारी संबंधी रिपोर्ट पर आपका क्या मानना है?
एक समय था। ज्यादा पुरानी बात नहीं भी करें तो 10 पहले चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने यहां पर (राज्य में) बेरोजगारी बिलकुल खत्म कर दी थी। दूसरी ओर आज ऐसा समय आ गया है कि पिछले 9 महीने में 13 हजार पद बीजेपी सरकार ने खाली कर दिए। अगर इसी तक चलता रहा तो बेरोजगारी 50, 60 या 70 प्रतिशत तक भी पहुंच सकती है।
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आप इसके क्या कारण मानते हैं?
इसका एक सबसे बड़ा कारण हरियाणा सरकार की पॉलिसी है। इस पॉलिसी के तहत सरकार प्रदेश में बहुत सारे स्कूलों को बंद करने जा रही है। स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापकों की जरूरत होती है और यह भर्ती सरकार ने बंद कर दी, जिसके स्कूलों में बच्चों की हाजिरी गिरी और नौबत इन्हें बंद करने या दूसरे स्कूलों में मर्ज करने की आ गई। केंद्र सरकार भी इसके लिए जिम्मेदार है।
उदाहरण के तौर पर अग्निवीर योजना लाए जाने का सबसे ज्यादा असर हरियाणा के युवाओं पर पड़ा है। कभी देश की सेना में 10 में से हर छठा जवान हरियाणा से होता था, लेकिन अब इस योजना के चलते युवाओं ने सेना से मुंह मोड़ लिया है।
विभिन्न विभागों और संस्थानों का निजीकरण भी बेरोजगारी बढ़ने का एक बड़ा कारण है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो भाजपा नेतृत्व इस देश को ठीक वैसे ही गुलाम बनाकर छोड़ेगा, जैसे लगभग 300 साल पहले ईस्ट इंडिया कंपनी आई थी।
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…तो क्या आपको लगता है कि प्रदेश के हालात कुछ बदलेंगे?
देखिए प्रदेश की जनता ने अब सबक सिखाने का मन बना लिया है। बीजेपी सरकार ने झूठे वादे किए और अब इन झूठे वादों का राज खुल चुका है। इन्होंने बोला था-किसान की आय दुगनी हो जाएगी। वो तो नहीं हुई, लेकिन लागत दो गुणा क्या चार गुणा हो चुकी है। मजदूर भी एक तरह से बेकार चला रहा है। पूरे हरियाणा को रैवेन्यू देने वाले पानीपत महानगर में फैक्ट्रियां बंद होने लगी हुई हैं, जिनका सीधा-सीधा असर इलाके के गरीब तबके पर पड़ेगा। पर अब लोगों के समर्थन को देखकर साफ आस लगाई जा सकती है कि प्रदेश में एक बार कांग्रेस की सरकार बनेगी और यही सरकार लोगों के हालात बदलेगी।