ब्यूरो रिपोर्ट: समाजवादी पार्टी ने बदायूं लोकसभा क्षेत्र के लिए पहले धर्मेंद्र यादव फिर उनकी जगह शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) को उम्मीदवार बनाया गया। अब शिवपाल सिंह यादव के स्थान पर उनके बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़ाया जा सकता है। सहसवान, बदायूं और गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र में सपा कार्यकर्ता सम्मेलन में इसके प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। इस बीच शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) लखनऊ चले गए हैं। प्रचार की पूरी कमान आदित्य यादव ने संभाल ली है। तीन दिनों से आदित्य की चुनावी जनसभाएं कर रहे हैं। उम्मीदवारी के सवाल पर वह कहते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसला लेंगे।
धर्मेंद्र यादव 2009 में बदायूं आए और सांसद बने। दोबारा 2014 में लड़े फिर जीते। तीसरी बार 2019 में लड़े लेकिन हार गए। चौथी बार के लिए धर्मेंद्र यादव ही तैयारी कर रहे थे और कार्यकर्ता भी चाहते थे लेकिन सपा के कुछ नेताओं ने उनका विरोध कर दिया और सपा मुखिया अखिलेश यादव को लिखकर दे दिया कि वे धर्मेंद्र यादव को चुनाव नहीं लड़ाना चाहते हैं, तब सपा मुखिया ने शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) के नाम का एलान किया।
Shivpal Yadav बेटे ने संभाली प्रचार की कमान
एलान के 22 दिन बाद तक शिवपाल नहीं आए। वह अपने बेटे आदित्य को उम्मीदवार बनाना चाहते थे लेकिन जब बेटे को लड़ाने के लिए उच्च स्तर पर फैसला नहीं हो सका तो वह खुद चुनाव मैदान में उतरे। बेटे के साथ बदायूं आए। करीब सात दिन प्रचार किया। इसी दौरान सहसवान, बदायूं और गुन्नौर में सम्मेलन हुए, जिसमें आदित्य को लड़ाने की मांग मुखर होकर कार्यकर्ताओं ने उठाई।
शिवपाल सिंह यादव और समाजवादी के लोकसभा क्षेत्र के चुनाव प्रचारी पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष से कार्यकर्ता की भावनाओं के अनुरूप आदित्य यादव को चुनाव लड़ाने जाने का आग्रह करेंगे। इसके बाद दो अप्रैल को शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) लखनऊ चले गए। लखनऊ में उनकी अखिलेश यादव से मुलाकात हो गई है। इसके बाद ही सियासी हलकों में कहा जा रहा है कि उम्मीदवार में जल्द ही बदलाव का एलान होगा। सपा के जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने बताया कि चुनाव प्रचार चल रहा है लेकिन उम्मीदवार बदलने का विषय राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्तर का है। पार्टी जिसे अधिकृत करेगी हम उसे ही चुनाव लड़ाएंगे।